महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के गठबंधन थोड़ी-थोड़ी दरार पड़ती दिख रही है और ये दरार आने वाले समय में उन्हें कितना नुकसान पहुंचाएंगे, ये तो चुनाव के नतीजे ही तय करेंगे। दरअसल महाराष्ट्र में कुछ सीटों और प्रत्याशियों को लेकर दोनों गठबंधनों (महायुति और महा विकास अघाड़ी) में रार की स्थिति है। ये स्थिति ऐसे स्तर पर पहुंच गई है कि दलों की तरफ से अपने गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी के लिए प्रचार करने से भी मना किया जा रहा है।
इस कड़ी में भाजपा की तरफ से एनसीपी अजित गुट के मानखुर्द शिवाजी नगर से प्रत्याशी नवाब मलिक के लिए प्रचार करने से मना किया गया है। इस पर एनसीपी नेता और मानखुर्द शिवाजी नगर से उम्मीदवार नवाब मलिक ने कहा, जिस निर्वाचन क्षेत्र से एनसीपी ने मुझे मैदान में उतारा है, मानखुर्द शिवाजी नगर, वहां शिंदे सेना के उम्मीदवार सुरेश पाटिल हैं। भाजपा उनका समर्थन कर रही है। ऐसी ही स्थिति मेरी बेटी के निर्वाचन क्षेत्र में भी है।
उन्होंने आगे कहा कि इसलिए, अगर भाजपा या शिवसेना का शिंदे गुट मेरा विरोध कर रहा है, तो यह हमारे लिए चिंता की बात नहीं है। ऐसा होने की उम्मीद है। दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में, हमें भारी बहुमत मिलेगा, मैं लोगों के आग्रह पर वहां से चुनाव लड़ रहा हूं, लोगों ने मुझे चुनाव में आमंत्रित किया है। चाहे भाजपा हो या शिवसेना, जो मेरा विरोध करे, लोगों का विश्वास और समर्थन हमारे साथ है। हम दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में जीतेंगे।
नवाब मलिक ने आगे कहा, जहां तक भाजपा का सवाल है, अजित पवार ने उनके साथ राजनीतिक समझौता कर लिया है। न तो एनसीपी और न ही नवाब मलिक विचारधारा से समझौता करते हैं। हमारी विचारधारा स्पष्ट है, हम धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास करते हैं…जहां तक चुनावों का सवाल है, मुकाबला कड़ा है। यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र में अजित पवार के रहते कोई सरकार नहीं बन सकती और वे विचारधाराओं से समझौता नहीं किया जा सकता।