COVID टेस्टिंग को लेकर नई एडवाइजरी- एक बार पॉजिटिव होने के बाद RT-PCR टेस्ट की नहीं जरूरत

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच देश की लैब्स पर भी लगातार बोझ बढ़ रहा है, जिसके चलते कई जगहों पर लोगों को 4-5 दिन में आरटी-पीसीआर रिपोर्ट मिल रही है. अब इसे लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने बड़ा फैसला लिया है. आईसीएमआर ने दूसरी वेव में कोरोना की टेस्टिंग के लिए एडवाइजरी जारी की है. जिसमें बताया गया है कि जो भी एक बार कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है, उसका दोबारा आरटी-पीसीआर टेस्ट नहीं किया जाएगा.

इंटर स्टेट ट्रैवल के लिए खत्म हो सकता है कोरोना रिपोर्ट का प्रावधान

ICMR की तरफ से जारी एडवाइजरी के मुताबिक अब उन लोगों का भी दोबारा टेस्ट नहीं किया जाएगा, जो हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो रहे हैं. बताया गया है कि डिस्चार्ज के वक्त कोरोना टेस्ट की जरूरत नहीं है.

लेकिन इस एडवाइजरी में सबसे बड़ी बात जो कही गई है, वो ये है कि जितने भी राज्यों में बाहर से आने वाले लोगों के लिए कोरोना रिपोर्ट अनिवार्य की गई है, उसे खत्म किया जा सकता है. ICMR के मुताबिक इंटर स्टेट डोमेस्टिक ट्रैवल के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट के प्रावधान को हटाया जा सकता है. हालांकि जिन लोगों को कोरोना के लक्षण हैं, उन्हें ट्रैवल करने से बचने की सलाह दी गई है.

जरूरी काम होने पर ही ट्रैवल करने को कहा गया है. साथ ही जो लोग ट्रैवल कर रहे हैं, उन्हें तमाम कोरोना नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं.

टेस्टिंग को लेकर क्या हैं नए निर्देश

ICMR की तरफ से रैपिड एंटीजन टेस्ट पर जोर देने की बात कही गई है. कहा गया है कि इससे मरीजों को जल्दी खुद का इलाज करने और आइसोलेट करने में मदद मिलती है. ICMR ने कहा है-

  • रैपिड एंटीजन टेस्ट सभी सरकारी और प्राइवेट हेल्थकेयर फैसिलिटी में उपलब्ध होना चाहिए.
  • रैपिड टेस्ट के लिए शहरों, कस्बों और गांवों में बूथ बनाए जाने चाहिए, जहां लोग आकर तुरंत अपना टेस्ट करवा सकते हैं.
  • ये बूथ स्कूल, RWA ऑफिस और कॉलेजों में लगाए जा सकते हैं. साथ ही इनमें 24 घंटे टेस्टिंग की व्यवस्था होनी चाहिए.
  • सभी राज्यों को ये सलाह दी जाती है कि अपनी आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करें, फिर चाहे वो प्राइवेट लैब हों या फिर सरकारी.
  • कोरोना के लक्षण वाले जिन लोगों का रैपिड टेस्ट पॉजिटिव आता है, उनका दोबारा टेस्ट करने की जरूरत नहीं है. उन्हें होम आइसोलेशन में भेज दिया जाए.
  • मौजूदा कोरोना के हालात को देखते हुए अगर किसी व्यक्ति को बुखार, खांसी, सिरदर्द, गले में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, बॉडी पेन, गंध या स्वाद नहीं आना और डायरिया जैसे लक्षण हैं तो उसे तब तक संदिग्ध कोरोना केस माना जाए, जब तक कि साबित नहीं हो जाता है.

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