देशभर में 76वें गणतंत्र दिवस का जश्न धूमधाम के साथ मनाया गया. वहीं इस मौके पर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल चौक पर इतिहास रचा गया. यहां पहली बार भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया. यह तिरंगा एक बुजुर्ग, एक युवा और एक बच्चे द्वारा संयुक्त रूप से फहराया गया, जो पीढ़ियों की एकता और देश के प्रति उनकी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक बन गया.
गणतंत्र दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में करीब 1,000 से ज्यादा लोग मौजूद रहे, जिनमें से अधिकांश उत्साही युवा थे. पूरे शहर में भारत माता की जय के नारे और देशभक्ति के गीत गूंज उठे, जिससे गर्व और एकता का माहौल बन गया. इस महत्वपूर्ण अवसर ने त्राल के लिए एक नई दिशा की शुरुआत की, जो अब शांति, प्रगति और राष्ट्रीय एकीकरण का प्रतीक बन गया है. जो पहले अपने अशांत माहौल के लिए जाना जाता था.
शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ कार्यक्रम
यह समारोह राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ, जो स्थानीय समुदायों और सुरक्षा बलों के बीच सहयोग को दर्शाता है. विभिन्न क्षेत्रों के लोगों द्वारा तिरंगा लहराना त्राल के बदलाव और सद्भाव तथा विकास की ओर बढ़ते कदमों का प्रमाण था. लोगों ने झंडे को सलामी दी और भारत माता जय के नारे लगाए.
भारी संख्या में युवाओं ने लिया हिस्सा
युवाओं की भागीदारी ने लोकतंत्र के आदर्शों में निहित एक उज्जवल और एकीकृत भविष्य की उम्मीद को प्रदर्शित किया. बर्फ से ढके पहाड़ों की पृष्ठभूमि में गर्व से लहराता तिरंगा त्राल की शांति, प्रगति और भारतीय संविधान के प्रति नए समर्पण का प्रतीक बन गया. इस गणतंत्र दिवस पर त्राल ने ‘नया कश्मीर’ दिखाते हुए एकता और आशा की किरण को उजागर किया. त्राल चौक में आजादी के बाद से अभी तक किसी की हिम्मत ही नहीं हुई कि यहां तिरंगा लहराया जा सके लेकिन आज यह संभव हो गया. लोगों में गणतंत्र दिवस को लेकर गजब का जोश देखा गया. हर कोई देशभक्ति के रंग में रंगा नजर आया.