चुनावी साल से ठीक पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सरकारी खजाने का मुंह खोल दिया है। शनिवार को संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की बैठक में मुख्यमंत्री ने पंजाब की तर्ज पर कर्मचारियों के लिए बहुप्रतीक्षित नए वेतनमान की घोषणा कर दी है। इसका लाभ राज्य के ढाई लाख कर्मचारियों और करीब डेढ़ लाख पेंशनरों को मिलेगा। राज्य सरकार के अनुबंध कर्मचारियों के नियमितीकरण की अवधि भी तीन वर्ष से घटाकर दो वर्ष करने की घोषणा की गई है। इससे 19 हजार कर्मचारियों को तो फायदा होगा, साथ ही नए भर्ती होने वालों को भी लाभ मिलेगा। नए वेतनमान से सबसे कम वेतन वाले कर्मचारियों जैसे नवनियुक्त लिपिक को तीन से साढे़ तीन हजार रुपये और वरिष्ठ एचएएस अधिकारी, डॉक्टर आदि को 15 से 20 हजार रुपये तक का मासिक फायदा होगा। पेंशनरों को भी 1 से 10 हजार रुपये तक का लाभ मिलेगा। हालांकि, अभी इसकी सरकारी स्तर पर ठीक से गणना की जा रही है।
पंजाब में छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद जयराम ठाकुर ने यह एलान शनिवार को पीटरहॉफ शिमला में हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की जेसीसी बैठक में किया। सीएम जयराम ने एक जनवरी 2016 से नया वेतनमान देने और जनवरी 2022 के संशोधित वेतनमान को फरवरी से देने की घोषणा की। उन्होंने कर्मचारियों के लिए लगभग साढे़ सात हजार करोड़ रुपये की घोषणाएं कीं। नए वेतनमान और संशोधित पेंशन से राज्य के कोष पर सालाना 6000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने कुल बजट का लगभग 43 फीसदी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर व्यय कर रही है, जो छठे वेतन आयोग के लागू होने के बाद 50 फीसदी तक बढ़ जाएगा।
ये घोषणाएं भी कीं
सभी पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनभोगियों को एक जनवरी 2016 से संशोधित पेंशन और अन्य संबंधित लाभ मिलेंगे।
संशोधित वेतनमान और संशोधित पेंशन या पारिवारिक पेंशन पर महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दी जाएगी।
केंद्र के 5 मई, 2009 के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार 15 मई 2003 से नई पेंशन प्रणाली इनवेलिड पेंशन और फैमिली पेंशन के कार्यान्वयन की भी घोषणा, इससे राज्य के कोष पर 250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों, अंशकालिक कामगारों, जल रक्षकों और जलवाहकों आदि के संबंध में नियमितीकरण और दैनिक वेतनभोगी के रूप में रूपांतरण के लिए भी एक-एक वर्ष की अवधि कम होगी। चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों के भुगतान के लिए 10 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि जारी की जाएगी।
15 मई 2003 से 22 सितंबर 2017 तक एनपीएस कर्मचारियों को ग्रेच्युटी- जयराम ठाकुर ने कहा कि नई पेंशन प्रणाली यानी एनपीएस कर्मचारियों को अब पेंशन निधि चुनने की स्वतंत्रता होगी, जिससे उनके निवेश पर बेहतर रिटर्न सुनिश्चित हो सकेगा। एनपीएस कर्मचारियों को डीसीआरजी लाभ दिया जा रहा है। अब सरकार ने 15 मई 2003 से 22 सितंबर 2017 तक इस लाभ से वंचित एनपीएस कर्मचारियों को ग्रेच्युटी देने का निर्णय लिया है।
करुणामूलक नौकरियों के लिए बनेगी कमेटी- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि करुणामूलक आधार पर नियुक्ति के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी। यह समिति आगामी मंत्रिमंडल की बैठक में अपनी प्रस्तुति देगी। प्रदेश सरकार राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी एवं अनुबंध कर्मचारियों को जनजातीय भत्ता देने पर भी विचार करेगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त एवं कार्मिक प्रबोध सक्सेना ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कुशल नेतृत्व में कर्मचारियों ने अविलंब अपने सभी देय लाभ प्राप्त किए हैं। महासंघ के महासचिव राजेश शर्मा ने कर्मचारियों की विभिन्न मांगों पर विचार करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। मुख्य सचिव राम सुभग सिंह और अन्य प्रशासनिक सचिव भी मौजूद रहे।