दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के तहत एडमिशन के संबंध में जानकारी दी. आशीष सूद ने कहा कि पिछले कई साल में तमाम अनियमितताओं की बातें सामने आती रही हैं. पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं. इस बार 3 फरवरी से 28 फरवरी तक ढाई लाख आवेदन आए हैं. 38 हजार बच्चों के नाम की घोषणा बुधवार को होगी.
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि पारदर्शिता के बड़े मानकों को स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने फैसला किया है कि एडमिशन के लिए ड्रॉ ऑफ लॉट्स जनता के सामने और मीडिया के सामने किया जाएगा. डायरेक्टरेट ऑफ एजुकेशन बिल्डिंग में ड्रॉ ऑफ लॉट्स स्क्रीन पर लाइव दिखाया जाएगा.
ईडब्ल्यूएस प्रवेश के लिए नई एसओपी
आशीष सूद ने कहा कि इस बार एसओपी बनाकर सबसे बड़ा परिवर्तन किया गया है. जिन बच्चों के नाम ड्रॉ में आएंगे, उनकी फाइनल लिस्ट जारी की जाएगी. डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरा करने के बाद जो स्कूल एडमिशन के लिए मना करेगा, उस पर कार्रवाई होगी. ड्रॉ ऑफ़ लॉट्स बिना किसी ह्यूमन इंटरफेरेंस के कंप्यूटर द्वारा किया जाएगा.
जो लोग चिल्ला रहे हैं कि 2500 रुपये दीजिए
उधर, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को जीटीबी अस्पताल का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा, पूरा गोदाम पूरी तरह भरा है. यहां 166 वेंटिलेटर और 36,000 पीपीई किट पड़ी हैं. ये एक अस्पताल की बात नहीं बल्कि कई अस्पतालों का हाल है. दिल्ली सरकार के अस्पताल और यहां का स्वास्थ्य विभाग बीमार है. जो लोग चिल्ला रहे हैं कि 2500 रुपये दीजिए वो (आम आदमी पार्टी) पहले ये देखे कि वो दिल्ली को किस हाल में छोड़कर गए हैं.
सीएम ने दावा किया, अस्पताल का निर्माण उचित योजना के बिना किया गया, जिससे फिजूलखर्ची हुई. आम आदमी पार्टी सरकार ने अस्पतालों के अंदर सात ढांचे बनाए. पार्किंग स्थल और खेल मैदानों को इमारतों में बदल दिया जो चिकित्सा सुविधा के मापदंडों को पूरा नहीं करते. अस्पताल के कर्मचारियों को छह महीने से वेतन नहीं दिया गया है.