मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को गुरुवार (10 अप्रैल,2025) को भारत लाने के बाद पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने आतंकी तहव्वुर राणा को 18 दिनों की रिमांड पर भेज दिया है. एनआईए की ओर से कोर्ट में राणा की 20 दिनों की रिमांड मांगी गई थी. जांच एजेंसी ने कहा कि पूछताछ के लिए तहव्वुर की रिमांड जरूरी है.
कोर्ट के बाहर सीआईएसएफ के अलावा अन्य अर्धसैनिक बलों के कर्मियों को तैनात किया गया. उसे एक विशेष बख्तरबंद गाड़ी में कोर्ट तक लाया गया था. गौरतलब है कि एनआईए और रॉ की ज्वाइंट टीम तहव्वुर राणा को अमेरिका से लेकर दिल्ली पहुंची. एनआईए की टीम ने गुरुवार को औपचारिक रूप से तहव्वुर हुसैन राणा को गिरफ्तार किया था.
सभी आतंकी नेटवर्क का होगा पर्दाफाश
एनआईए तहव्वुर राणा से उन सभी पहलुओं पर जानकारी हासिल करना चाहती है, जो भारत में आतंकवादी नेटवर्क और 26/11 हमले की साजिश से जुड़े हैं. एनआईए ने बयान जारी कर कहा कि 2008 के मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता को न्यायिक प्रक्रिया के दायरे में लाने के लिए सालों से कर रह प्रयासों के बाद यह प्रत्यर्पण हुआ. जांच एजेंसी ने कहा कि यूएसडीओजे, अमेरिकी स्काई मार्शल की सक्रिय सहायता से एनआईए ने संपूर्ण प्रत्यर्पण प्रक्रिया के दौरान अन्य भारतीय खुफिया एजेंसियों, एनएसजी के साथ मिलकर काम किया.
ट्रंप ने किया था प्रत्यर्पण का ऐलान
तहव्वुर राणा को आखिरकार प्रत्यर्पित किए जाने की घोषणा तब हुई, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी में अमेरिका की राजधानी पहुंचे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 14 फरवरी 2025 को पीएम मोदी के साथ संयुक्त सम्मेलन में कहा, ‘‘हम एक बेहद हिंसक व्यक्ति को तुरंत भारत वापस भेज रहे हैं ताकि उसे भारत में न्याय की जद में लाया जा सके. राणा को अमेरिका में लॉस एंजिलिस के मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया था. भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत शुरू की गई कार्यवाही के बाद उसे अमेरिका में न्यायिक हिरासत में रखा गया था.
प्रत्यर्पण रोकने के लिए तहव्वुर ने आजमाए कानूनी रास्ते
तहव्वुर राणा ने अपना प्रत्यर्पण रोकने के लिए कई कानूनी रास्ते आजमाए, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ. कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 16 मई 2023 को तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था. इसके बाद उसने नौवीं सर्किट अपील अदालत में कई मुकदमे दायर किए, जिनमें से सभी खारिज कर दिए गए. इसके बाद उसने समीक्षा रिट, दो बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाएं और अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में एक आपातकालीन अर्जी दायर की, लेकिन ये भी अस्वीकार कर दिए गए.
तहव्वुर राणा पर डेविड कोलमैन हेडली, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (HUJI) और पाकिस्तान के अन्य आतंकियों के साथ मिलकर 2008 में मुंबई में आतंकी हमलों को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप है. 26 नवंबर 2008 को समुद्र के रास्ते भारत आए आतंकियों के एक ग्रुप ने मुंबई में कई जगहों पर हमला किया, जिसमें 166 लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में ब्रिटेन, इजरायल और अमेरिका के लोग भी शामिल थे.