निठारी कांड: गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को सुनाई फांसी की सजा

निठारी कांड के अंतिम मामले में सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाले सुरेंद्र कोली को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई है। सह आरोपी मोनिंदर पंढेर को देह व्यापार करने के मामले में सात वर्ष की सजा सुनाई है। अदालत ने उसे हत्या, अपहरण और दुष्कर्म के मामले में बरी कर दिया था। अदालत ने कोली पर 40 हजार और मोनिंदर पंढेर पर चार हजार का अर्थदंड लगाया है। 

कोली को 13 मामलों में फांसी की सजा, तीन में बरी

सुरेंद्र कोली को 13 मामलों में सजा-ए-मौत और तीन मामलों में साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। अभी तक सिर्फ एक मामले में राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज होने के बाद मेरठ में फांसी दी जानी थी, लेकिन देरी होने से सुप्रीम कोर्ट ने फांसी निरस्त कर दी थी। एक मामले में हाईकोर्ट ने फांसी में देरी मानते हुए आजीवन कारावास में बदल दिया था। सीबीआई कोर्ट से फांसी की सजा होने के बाद इस समय अधिकांश मामले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं। 

दुष्कर्म के बाद हत्या कर शव टुकड़े-टुकड़े कर नाले में फेंक दिया था

सीबीआई कोर्ट में अभियोजन पक्ष के सीबीआई के लोक अभियोजक दर्शन लाल ने अदालत को बताया था कि काम की तलाश में गई लड़की के साथ सुरेंद्र कोली ने दुष्कर्म किया। बाद में गले में उसी की चुन्नी बांध कर उसकी हत्या कर दी गई। हत्या करने के बाद उसके शव को बाथरूम में ले जाकर कोली ने शरीर से सर को काटकर अलग कर दिया। शरीर के कई टुकड़े कर अलग-अलग पॉलिथीन में बांधकर रख दिया। इसके बाद बची हुई हड्डियों को कोठी के पीछे नाले में फेंक दिया था। किसी व्यक्ति की इस प्रकार निर्मम हत्या बहुत ही क्रूरता का उदाहरण है।

जब रातों-रात टल गई थी फांसी

सुरेंद्र कोली को नौ सितंबर 2014 मेरठ जेल में फांसी दी जानी थी। कोली को मेरठ जेल की एक हाई सिक्यॉरिटी बैरक में रखा गया। तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी थीं। इसी बीच सुरेंद्र कोली की फांसी पर रोक से संबंधित सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर जेल प्रशासन को तड़के तकरीबन 4 बजे मेरठ के डीएम के जरिए मिला। इस बात की जानकारी खुद तत्कालीन वरिष्ठ जेल अधीक्षक मोहम्मद हुसैन मुस्तफा ने दी थी।

16 साल पहले हुआ था खुलासा 

निठारी में मोनिंदर सिंह पंधेर की कोठी के पीछे नाले में 29 दिसंबर 2006 को पुलिस को 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे, जिसके बाद पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंधेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था। बाद में मामला सीबीआई को स्थानांतरित हो गया था।

कुल मामले – 19 

तीन में साक्ष्य न मिलने से क्लोजर रिपोर्ट
कुल मामलों में फैसला आया – 16 
सुरेंद्र कोली – 13 में सजा-ए-मौत, तीन में बरी 
मोनिंदर पंढेर – दो मामले में फांसी, चार में बरी, एक में सात साल कारावास

कब-कब हुई है सुरेंद्र कोली एवं मोनिंदर पंढेर को सजा-ए-मौत 

1. 13 फरवरी 2009 – सुरेंद्र कोली एवं मोनिंदर पंढेर सजा-ए-मौत। हाईकोर्ट से पंढेर बरी
2. 12 मई 2010 – सुरेंद्र कोली -सजा-ए-मौत
3. 28 अक्टूबर 2010 – सुरेंद्र कोली – सजा-ए-मौत
4. 22 दिसंबर 2010 -सुरेंद्र कोली – सजा-ए-मौत
5. 24 दिसंबर 12 – सुरेंद्र कोली – सजा-ए-मौत
6. 7 अक्तूबर 2016 – सुरेंद्र कोली – सजा-ए-मौत
7. 16 दिसंबर 2016 -सुरेंद्र कोली -सजा-ए-मौत
8. 24 जुलाई 2017 कोली कोसजा-ए-मौत, पंढेर बरी
9. 8 दिसंबर 2017- दोनों को सजा-ए-मौत
10. 2 मार्च 2019 – कोली को सजा-ए-मौत- पंढेर बरी
11. 6 अप्रैल 2019 – कोली को सजा-ए-मौत – पंधेर बरी
12 16 जनवरी 2021- सुरेंद्र कोली – फांसी  
13. 26 मार्च 2021 -सुरेंद कोली बरी 
14. सात जनवरी 2022 सुरेंद्र कोली बरी 
15. 22 जनवरी 2022 सुरेंद्र कोली बरी
16. 19 मई को सुरेंद्र कोली को सजा-ए-मौत और मोनिंदर पंढेर को देह व्यापार में सात साल की सजा

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