तपोवन में मौसम बिगड़ने से रेस्क्यू ऑपरेशन में हो रही परेशानी

उत्तराखंड में आई आपदा के बाद अब वहां राहत और बचाव का कार्य जोरों पर है. अब तक 206 लापता लोगों में से 32 के शव बरामद किए गए हैं. वहीं 7 मानव अंग भी मिले हैं. अब तपोवन सुरंग के अंदर ड्रोन कैमरे से निगरानी हो रही है. आर्मी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी की टीमें लगातार काम में जुटी हैं.

24 घंटे काम कर रही फोर्स- DIG, गढ़वाल

गढ़वाल की DIG, नीरू गर्ग ने कहा, हमारी सभी फोर्स टनल को खोलने की कोशिश कर रही हैं. हम 24 घंटे काम कर रहे हैं. एनटीपीसी और स्थानीय लोगों का कहना है कि एक जगह पर उन्हें उम्मीद है कि वर्कर्स काम कर रहे थे तो हो सकता है कि वहां ड्रिलिंग करने की जरूरत हो. हम रात को ड्रिल करके देखेंगे.

उत्तराखंड में बचाव कार्य जारी

उत्तराखंड में अभी भी बचाव कार्य जारी है. आईटीबीपी और अन्य एजेंसियां ​​तपोवन सुरंग के अंदर पाइप और तारों के ढीले छोरों को काट रही है. सुरंग प्राधिकरण भी सुरंग के अंदर रेस्क्यू में मदद कर रहा है

जोशीमठ में आज हुई अहम मीटिंग

उत्तराखंड के जोशीमठ में आज ITBP, सेना और स्थानीय प्रशासन के लोगों की मीटिंग हुई है. इसमें आगे की बचाव और राहत कार्य की रणनीति पर चर्चा हुई. फिलहाल टनल से मलबे को पूरी तरह निकालने में सफलता नहीं मिली है.

लोगों तक राशन पहुंचा रहे ITBP के जवान

उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के बाद कई गांवों से संपर्क कट गया है. इस बीच ITBP हेलिकॉप्टर की मदद से गांववालों तक राशन पहुंचा रहा है.

चिनूक और ALH ने की तपोवन में लैंडिंग

आज चिनूक और ALH ने उत्तराखंड के तपोवन में रेकी की. चिनूक को मलारी और ALH को तपोवन में लैंड करवाया गया है. दोनों ने देखा कि आगे तो ऐसा कोई खतरा नहीं है.

आम नागरिकों की भी हुई है मौत

मजदूरों के अलावा कुछ आम नागरिकों की भी मौत हुई है. एक महिला जो कि लड़की या घास लेने धौलीगंगा के पास आई थी, उसकी भी मौत हो गई है. परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है.

192 से 204 के बीच है लापता और मारे गए लोगों की संख्या – उत्तराखंड डीजीपी

उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि अब तक यह स्पष्ट नहीं कहा जा सकता कि कितने लोग लापता हैं या मारे गए हैं. लेकिन यह नंबर 192 से 204 के बीच है. उन्होंने बताया कि अबतक 32 शव मिले हैं. इसमें से 8 की ही पहचान हो पाई है. रेस्क्यू टीम को उत्तराखंड पुलिस के दो जवानों के भी शव मिले हैं.

टनल रेस्क्यू मिशन में अब तक कोई बड़ी सफलता नहीं

उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है, मलबे में अब बड़े बोल्डर भी दिखने लगे हैं. वहां 24 घंटे काम चल रहा है. बता दें कि ग्लेशियर टूटने के बाद तपोवन टनल में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए टनल के अंदर राहत और बचाव अभियान चलाया जा रहा है.

लखीमपुर खीरी की निघासन तहसील के कुल 34 लोग लापता

उत्तराखंड त्रासदी में निघासन तहसील के कुल 34 लोगों के लापता होने की सूचना है, इनमें से कल एक व्यक्ति का शव यहां भेजा गया है. हम लोग लगातार पीड़ित परिवारों के संपर्क में हैं: धर्मेंद्र प्रधान, तहसीलदार, निघासन

टनल 2.5 किलोमीटर लंबी है, फंसे हो सकते हैं 30-35 मजदूर

आपदा शमन और प्रबंधन केंद्र, उत्तराखंड के पीयूष रौतेला ने बताया कि फिलहाल इतनी ही जानकारी है कि यह टनल 2.5 किलोमीटर लंबी है और इसके अंदर 30-35 मजदूर फंसे हैं. SDRF, पुलिस, ITPB, सेना और नेवी के गोताखोर हरसंभव प्रयास कर रहे हैं.

तेज प्रेशर से पानी आने का डर, अब सिर्फ मशीनों से निकाला जाएगा मलबा

ITBP की अपर्णा कुमार ने बताया कि टनल से आ रही कीचड़ और मलबा उनके लिए चुनौती बन गया है. फिलहाल मशीनें लगातार टनल के अंदर काम कर रही हैं. अपर्णा ने कहा हमें सावधानी से आगे जाना होगा क्योंकि टनल के अंदर से भी तेज प्रेशर के साथ पानी आ सकता है. जो मलबा अंदर फंसा हुआ था अब वो ज़्यादा बाहर निकलकर आ रहा है। NTPC के टेक्निकल एक्सपर्ट का कहना है कि अब किसी का भी अंदर जाना रिस्की है क्योंकि अंदर से पानी का तेज़ बहाव हो सकता है। तो अब मशीनों द्वारा ही मलबा निकाला जाएगा.

जोशीमठ और विष्णुप्रयाग को जोड़ने वाला पैदल झूला पुल बहा

उत्तराखंडः ग्लेशियर टूटने के बाद हुए नुकसान से चमोली जिले में जोशीमठ और विष्णुप्रयाग को जोड़ने वाला पैदल झूला पुल बहा. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “पूरा पुल टूट गया है, यहां काफी नुकसान हुआ है. यहां अभी सिर्फ नगरपालिका के लोग आए हैं और कोई नहीं आया.”

आज बैराज के पीछे से शुरू होगी खुदाई

बैराज के पास 4 चैनल बने हुए हैं और इन 4 चैनलों के माध्यम से ही चार टनल में पानी जाता था. आज बैराज के पीछे से खुदाई का काम शुरू होने वाला है. यह एक नया प्रयोग है नया प्रयोग इसलिए क्योंकि कई सारे वीडियो में ऐसा देखा जा रहा है कि बराज के ऊपर से लोग जान बचाने के लिए गए थे लेकिन गिर गए और गिरने के बाद फिर इन्हीं चैनलों में फंस गए हैं. एनडीआरएफ एसजीआरएस इंडियन आर्मी और आईटीबीपी के लोग नए तरीके से जो है खुदाई शुरू कर रहे हैं.

बराज के पीछे से इसमें पानी के बहाव को रोका जा रहा है और रोकने के बाद जो है फिर आगे की ओर बढ़ेंगे कोशिश यह है कि तकरीबन 15 से 20 फीट की जो गाद है उसको हटाया जाए और फिर धीरे-धीरे आगे बढ़ा जाए.

टनल के अंदर कीचड़ और पानी ने बढ़ाई दिक्कतें

ITBP ने बताया कि मशीन की मदद से लगातार कीचड़ को बाहर निकाला जा रहा है. ITBP, NDRF, SDRF समेत अन्य एजेंसियां आज सुबह भी टनल में गई थीं. 120 मीटर के बाद आगे टनल में जाना अभी भी मुश्किल है. टनल के अंदर से और कीचड़ और पानी आ रहा है जो इस काम को मश्किल बना रहा है.

अब तक मिले 32 लोगों के शव

उत्तराखंड ग्लेशियर हादसे पर राज्य सरकार ने बताया कि अबतक 32 लोगों के शव बरामद किए गए हैं. 206 लोगों के लापता होने के आंकड़े मिले हैं. इसमें से 25-35 लोग तपोवन टनल में फंसे हो सकते हैं. अब तक 32 लोगों के शव बरामद हुए हैं जिनमें से 8 शवों की शिनाख्त हो पाई और 24 शव अज्ञात हैं.

राज्यसभा में बीजेपी सांसद ने दिया नोटिस

बीजेपी सांसद अनिल बलूनी ने राज्यसभा में शून्य काल नोटिस दिया है. उन्होंने मांग की है ग्लेशियर्स की स्टडी के लिए कोई तंत्र बनना चाहिए, जिससे उत्तराखंड जैसी घटनाओं से बचा जा सके.

टनल से रेस्क्यू में मदद कर रहे मार्कोज कमांडोज

नेवी की टीम के मार्कोज कमांडोज की मदद से सुरंग में आगे जाने का काम जारी है. दरअसल, सुरंग में पानी का लेवल बार-बार बढ़ जाता है, जिससे दिक्कत हो रही है. इससे निपटने के लिए मार्कोज कमांडोज की मदद ली जा रही है.

तपोवन टनल से लगातार हटाया जा रहा मलबा

चमौली स्थित 2.5 किलोमीटर लंबी तपोवन टनल में बचाव कार्य मंगलवार को भी रात भर जारी रहा. टीमें वहां से मलबा और कीचड़ को हटाने का काम कर रही हैं. माना जा रहा है कि अंदर 30 लोग फंसे हो सकते हैं.

ऋषिगंगा: डीएनए के आधार पर होगी अज्ञात मृतकों की शिनाख्त

उत्तराखंड के ऋषिगंगा में मारने वाले जिन लोगों की पहचान नहीं हो सकेगी, सरकार उनके डीएनए की जांच करवाएगी. इस डीएनए रिकार्ड को सुरक्षित रखा जाएगा, जिसके आधार पर मृतकों की शिनाख्त हो सकेगी. उत्तराखंड के ऋषिगंगा में आए बर्फीले तूफान के बाद मंगलवार शाम तक यहां 32 शव मलबे से निकाले जा चुके हैं. इनमें से अभी तक 25 शवों की शिनाख्त हो सकी है. 7 शव अभी भी अज्ञात हैं. उत्तराखंड प्रशासन के मुताबिक तूफान में लापता हुए 174 अन्य व्यक्तियों की तलाश अभी जारी है.

उत्तराखंड में ड्रोन से टनल की निगरानी

उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से हुई त्रासदी से सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के लिए ITBP, NDRF, SDRF और अन्य एजेंसियां अब ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल कर रही हैं.

बचाव कार्य में जुटे हैं सेना, एयर फोर्स, ITBP, NDRF , SDRF

इस समय वहां भारतीय सेना, एयर फोर्स, ITBP, NDRF , SDRF तालमेल के साथ काम कर रहे हैं. दो जगह नुकसान हुआ है. एक ऋषिगंगा जो कि जल विद्युत परियोजना है वह तो पूरी तरह नष्ट हो गया है और दूसरी तपोवन परियोजना है. वहां बचाव कार्य चल रहा है: 14 इंफैंट्री डिविजन के GOC

उत्तराखंड में बचाव कार्य जारी

उत्तराखंड में आई आपदा के बाद अब वहां राहत और बचाव का कार्य जोरों पर है. अब तक 206 लापता लोगों में से 33 के शव बरामद किए गए हैं. वहीं 7 मानव अंग भी मिले हैं. अब तपोवन सुरंग के अंदर ड्रोन कैमरे से निगरानी हो रही है. आर्मी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी की टीमें लगातार काम में जुटी हैं.

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