शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता विनायक राउत ने महाराष्ट्र के मत्स्य और बंदरगाह विकास मंत्री नितेश राणे को कानूनी नोटिस भेजा है। राणे को यह नोटिस उस बयान को लेकर भेजा गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकारी पैसा केवल सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन से जुड़े लोगों को ही दिया जाएगा। यह नोटिस वकील असीम सरोदे के जरिए भेजा गया है। नोटिस में राणे पर मंत्री के रूप में अपने सांविधानिक कर्तव्यों का पालन न करने और भेदभावपूर्ण बयान देने का आरोप लगाया गया है।
विनायक राउत के कानूनी नोटिस में क्या कहा गया है?
नोटिस के मुताबिक, राणे ने सिंधुदुर्ग के कुडाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए उन्हें आश्वासन दिया था कि सरकारी पैसा केवल महायुति के कार्यकर्ताओं और जिला योजना समिति सहित संस्थाओं को ही आवंटित किया जाएगा और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के प्रतिनिधित्व वाले गांवों को इससे वंचित रखा जाएगा, जब तक वे महायुति में शामिल नहीं हो जाते।
लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करते हैं ऐसे बयान: विनायक राउत
राउत ने कहा, ऐसे बयान सांविधानिक सिद्धातों का उल्लंघन करते हैं, विभाजन फैलाते हैं और लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करते हैं। एक मंत्री सभी नागरिकों की निष्पक्ष सेवा करने की शपथ लेता है, लेकिन नितेश राणे इस जिम्मेदारी को भूल गए हैं। उन्होंने कहा कि नितेश राणे ने आम चुनावों से पहले ग्रामीणों को चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने नारायण राणे को वोट नहीं दिया तो उन्हें सरकारी सहायता नहीं मिलेगी।
‘राज्यपाल को करनी चाहिए मंत्री के खिलाफ कार्रवाई’
नोटिस में कहा गया है कि राज्यपाल को मंत्री पद की शपथ का उल्लंघनऔर असांविधानिक आचरण करने के लिए राणे के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। वकील असीम सरोदे ने कहा, अगर राणे पंद्रह दिनों के भीतर अपने बयान वापस नहीं लेते हैं, तो राज्यपाल के पास औपचारिक शिकायत दर्ज की जाएगी।