आगरा के पारस हॉस्पिटल को किसके इशारे पर दी गई क्लीन चिट? बताये सरकार-अजय कुमार लल्लू

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने शनिवार को कहा कि योगी सरकार को बताना चाहिये कि आक्सीजन की कमी की वजह से 22 मरीजों की मौत के जिम्मेदार आगरा के पारस हॉस्पिटल को क्लीन चिट देने का आधार क्या था।

लल्लू ने कहा कि कोरोना संक्रमितों की ऑक्सीजन की कमी के बाद की गयी मॉकड्रिल से हुई मौतों पर डेथ आडिट कमेटी की रिपोर्ट सरकार की विफलताओं पर पर्दा डालने वाली है। सरकार बताये कि यदि आक्सीजन उपलब्ध थी तो हॉस्पिटल में मॉकड्रिल का औचित्य क्या था। जब रिपोर्ट में यह कहा जा रहा है कि 5 मिनट के लिये मॉकड्रिल की गयी जिससे 22 लोगो की मौत होना हॉस्पिटल संचालक द्वारा स्वीकार किया गया है फिर भी मानव वध के दोषी हॉस्पिटल को क्लीन चिट क्यों और किसकी छवि बचाने के लिये दी गयी।


उन्होने कहा कि प्रदेश की जनता मौतों का जवाब चाहती और मांगती है। उन्होंने कहा कि पारस हॉस्पिटल में 22 कोरोना संक्रमितों को लगी ऑक्सीजन किस उद्देश्य से हटाई गई और जांच रिपोर्ट में 22 की जगह 16 मौतों को स्वीकार किया गया फिर भी हॉस्पिटल में मॉकड्रिल के लिये जिम्मेदार हॉस्पिटल संचालक पर कार्यवाही करने के बजाय उसे क्लीन चिट किसके इशारे पर दी गयी। यह बताने के साथ ही साथ यह भी राज्य सरकार को बताना होगा कि हॉस्पिटल संचालक का भाजपा से क्या रिश्ता है।


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि चार सदस्यीय डेथ ऑडिट कमेटी व दो सदस्यीय जांच दल की रिपोर्ट भाजपा सरकार की कलंकित छवि पर लीपापोती करने का षड्यंत्र है। राज्य सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने का लगातार जघन्य पाप करती चली आ रही है, कोरोना के भीषण संकट के समय ऑक्सीजन राज्य सरकार मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में पूरी तरह असफल हुई जिसके चलते मरीजों के जीवन से खिलवाड़ इस स्तर तक किया गया कि उनकी मौतें हुई इसके लिये राज्य सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है और ऑक्सीजन हटाने वाला हॉस्पिटल भी।

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