निलंबित सांसदों पर विपक्ष ने कल बुलाई बैठक

मॉनसून सत्र में हुए हंगामे पर, राज्यसभा से 12 सासदों को उनके बर्ताव की वजह से निलंबित कर दिया गया. ये सांसद अब सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकेंगे. विपक्ष ने इस फैसले की निंदा करते हुए इस निलंबन को अलोकतांत्रिक कहा. बताया जा रहा है कि सुरक्षाकर्मियों द्वारा दिए गए वीडियो फुटेज के आधार पर राज्यसभा सांसदों के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है.

विपक्ष ने जारी किया संयुक्त बयान

इस निलंबन पर विपक्ष ने एक संयुक्त बयान जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि यह निलंबन राज्यसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों का उल्लंघन करता है.विपक्ष ने जारी किया संयुक्त बयान

कल होगी विपक्ष की बैठक

इस मामले पर आगे की कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कल सुबह 10 बजे विपक्षी दलों की अहम बैठक बुलाई है. बैठक में TMC को भी बुलावा दया गया है. राज्य सभा के साथ-साथ लोक सभा के नेता भी इस बैठक में शामिल होंगे. यह बैठक मल्लिकार्जुन खरगे के दफ़्तर में होगी. सूत्रों के मुताबिक़ कई विपक्षी दल चाहते हैं कि सरकार से बातचीत कर निलंबन को वापस करवाया जाए, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता तो संसद के अंदर और बाहर प्रदर्शन किया जाएगा.

कांग्रेस, TMC और शिवसेना के सांसद सस्पेंड

जिन सांसदों को सस्पेंड किया गया है, उनमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना के सांसद शामिल हैं. बता दें कि सांसदों को 11 अगस्त को राज्यसभा में हंगामा करने पर सस्पेंड किया गया है. जिन 12 सांसदों को निलंबित किया गया उनमें- कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजामणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह, सीपीएम से एलामरम करीम, सीपीआई से बिनय विश्वम, टीएमसी से शांता छेत्री और डोला सेन, शिवसेना से प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई शामिल हैं.

बता दें कि 11 अगस्त को इंश्योरेंस बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ था. संसद के अंदर खींचातानी भी होने लगी थी. मामले को शांत कराने के लिए मार्शलों को बुलाने की नौबत आ गई थी. उस दिन हुए हंगामे पर राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा था कि ‘जो कुछ सदन में हुआ है, उसने लोकतंत्र के मंदिर को अपवित्र किया है.’ राज्यसभा में हुए हंगामे पर केंद्र के 8 मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी और विपक्ष से माफी मांगने को कहा था.

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