बुधवार सात दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। सात तारीख को ही दिल्ली में नगर निगम चुनाव के नतीजे आएंगे। आठ दिसंबर को हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनाव के भी नतीजे आने हैं। इस तरह से संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन से ही राजनीति का पारा चढ़ऩे की काफी संभावना है। शीतकालीन सत्र को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों कमर कसकर तैयार हैं। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी का कहना है कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने संसद में कामकाज को बाधित करने के बजाय केंद्र सरकार को मुद्दों पर घेरने की योजना बनाई है।
राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे बेरोजगारी, मंहगाई समेत तमाम मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरेंगे। इस सत्र में भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त होने के चलते राहुल गांधी के भाग लेने की संभावना नहीं है। इसके समानांतर केंद्र सरकार की तैयारी 16 नए विधेयक के मसौदों को पेश करने की है। बहुराज्य सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, तटीय जल कृषि प्रधिकार संशोधन विधेयक-2022, व्यापार चिन्ह संशोधन विधेयक-2022 समेत अन्य शामिल हैं।
विपक्ष के पास सत्तापक्ष को घेरने का अवसर
संसद का शीतकालीन सत्र 2022 केंद्र सरकार के लिए चुनौती सरीखा है। देश इस समय बेरोजगारी के उच्चतम स्तर से जूझ रहा है। इसके अलावा केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में दो बड़े विधेयक लेकर आ रही है। इसमें बहुराज्य सहकारी संशोधन विधेयक-2022 काफी अहम है। दूसरी तरफ विपक्ष के पास सरकार को जवाबदेह बनाने के लिए यह सत्र महत्वपूर्ण है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के रणनीतिकारों का कहना है कि शीतकालीन सत्र में हम केंद्र सरकार को घेरेंगे। समझा जा रहा है कि शीतकालीन सत्र में कांग्रेस संसदीय कामकाज में बाधा डालने के दाग से खुद को अलग रखने की पूरी कोशिश करेगी।