ठंड के कारण कासगंज गोशाला में गायों की मौत पर आक्रोश

कासगंज में मंडी समिति की अस्थायी गोशाला में ठंड से दो गायों की मौत हो गई, जबकि 15 गोवंश बीमार हैं। शुक्रवार को गोवंशों की हालत बिगड़ने की सूचना पर पहुंचे हिंदूवादियों ने आक्रोश जाहिर किया। उन्होंने जिम्मेदारों पर गोवंशों के संरक्षण में लापरवाही का आरोप लगाया। वहीं गोवंशों के उपचार के लिए पशु चिकित्सा विभाग की टीमें पहुंची, लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।

शुक्रवार दोपहर को हिंदूवादी संगठन के लोगों को जानकारी मिली कि मंडी स्थित गोशाला में गोवंश तड़प-तड़प कर मर रहे हैं। इस पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के विभाग मंत्री विनयराज पन्नू, हिंदूवादी नेता सुखवीर पुंढीर, नवीन सक्सेना सहित बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए। गोशाला में कई गोवंश बीमार हालत में मिले। विहिप कार्यकर्ताओं ने गोवंशों की मौत और बीमार होने पर आक्रोश जाहिर किया। 

हिंदूवादी नेताओं और मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के बीच गोवंशों की मौत को लेकर बातचीत होती रही। विहिप  नेता कई गाय मरने की बात कर रहे थे तो प्रशासन के स्तर से केवल दो गायों की मौत होने की बात कही गई। पशु चिकित्साधिकारी ने प्रदर्शन करने वालों को समझाया और गोवंश की अच्छी देखभाल का भरोसा दिया।

लोग बोले- लगातार हो रही गोवंशों की मौत
विहिप नेता विनयराज पन्नू ने आरोप लगाया कि गोशाला में लगातार गोवंशों की मौत हो रही है। गोवंशों को जेसीबी की मदद से मंडी स्थल में ही दफन कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि समय से चिकित्सा भी गोवंशों को नहीं मिल रही है। 15 से अधिक गोवंश अभी भी बीमार हैं, जो उठने और चलने की स्थिति में नहीं हैं।

चिकित्सक बोले- दो गोवंशों की हुई मौत
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एके सागर ने बताया कि गोशाला में ठंड से दो गोवंशों की मौत हो गई है। नौ गोवंश बीमार हैं। उनका उपचार कराया जा रहा है। कोई गोवंश दफनाया नहीं गया है। जेसीबी मशीन गोशाला में मिट्टी समतल करने के लिए मंगाई गई थी। गोवंशों की देखरेख बेहतर ढंग से की जा रही है। पर्याप्त मात्रा में चारा उपलब्ध है।

‘हम देंगे हर संभव मदद’
हिंदूवादी नेताओं ने पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ वार्ता की। उन्होंने कहा कि यदि पर्याप्त मात्रा में धन नहीं है तो हमें बताएं। हम आपस में सामजंस्य बनाकर धनराशि संग्रह करेंगे और गोवंशों के संरक्षण के लिए धनराशि गोशाला में उपलब्ध कराएंगे। हिंदूवादी नेता नवीन सक्सेना ने बताया कि इसके लिए सहमति बन गई है। आपस में धन संग्रह के लिए अब हम लोग जुटेंगे।

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