गुजरात के द्वारका में हुई कार्रवाई पर भड़के ओवैसी, कही ये बात

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी वक्फ विधेयक को लेकर लगातार बीजेपी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. एक बार फिर ने उन्होंने विधेयक को लेकर पार्टी पर हमला किया. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए ओवैसी ने गुजरात के द्वारका में हुए बुलडोजर एक्शन का जिक्र करते हुए सरकार को घेरा.

ओवैसी ने कहा कि द्वारका में विध्वंस मुसलमानों, उनके पूजा स्थलों और कब्रस्तानों को निशाना बनाकर किया गया था. वो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे थे. ध्वस्त कब्रस्तान और दरगाह को सरकारी रिकॉर्ड में इसी रूप में मान्यता दी गई थी. सरकार ने कभी भी उनकी स्थिति को चुनौती नहीं दी. इसके आगे AIMIM चीफ ने कहा कि हालिया विध्वंस प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन किए बिना हुआ. यह बेहद निंदनीय है. ओवैसी ने कहा कि विध्वंस से यह भी साबित होता है कि मोदी सरकार वक्फ विधेयक में संशोधन क्यों करना चाहती है और वक्फ खिलाफ सुरक्षा को कमजोर करना चाहती है.

कुल 36 ढांचें हुए जमींदोज

दरअसल द्वारका जिले में सरकार ने हाल ही में बुलडोजर चलाया था. यहां के 7 आईलैंड्स में अवैध रूप से बनाए गए ढांचों तो तोड़कर अतिक्रमण मुक्त कर दिया गया. सरकार ने इस कार्रवाई को दौरान कुल 36 ढांचों को जमींदोज किया. इनमें अवैध रूप से बने मजहबी ढांचे भा शामिल थे. इस दौरान हजरत पंज पीर की दरगाह को भी प्रशासन ने तोड़ दिया था.

‘सरकार का मकसद वक्फ संपत्तियों को नष्ट करना’

इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने यह भी कहा था कि सरकार का असली उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को बचाने के बजाय उन्हें नष्ट करने का है. उनका आरोप था कि इस बिल के तहत जो संशोधन प्रस्तावित हैं, वे वक्फ संपत्तियों की रक्षा करने के बजाय उनकी स्थिति को कमजोर करेंगे. उन्होंने ये भी कहा था कि सरकार जबरन इस बिल को जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) के जरिए से संसद में पारित कराने की कोशिश कर रही है, जो कि एक विशेष समुदाय पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है. उन्होंने कहा था कि वक्फ बिल एक संवेदनशील मुद्दा है. अगर सरकार इसे जबरन पारित कर जेपीसी के जरिए संसद में लाना चाहती है, तो इसके बुरे नतीजे निकलेंगे कानूनी तौर पर भी और एक खास समुदाय पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.

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