पंडित गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए पद्मश्री मिला है। द्राविड़ ने ही अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा और श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का शुभ मुहूर्त निकाला है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन का भी मुहूर्त निकाला था।
लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री के प्रस्तावक भी रहे। पंडित द्राविड़ के पिता पंडित राजेश्वर शास्त्री द्राविड़ को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। उनके गुरु रहे पट्टाभिराम शास्त्री को भी पद्मभूषण सम्मान मिला था।
पद्मश्री मिलने पर पंडित गणेश्वर शास्त्री ने खुशी जताई और कहा कि भगवान की कृपा है। जीवन में सम्मान के लिए काम नहीं किया। कर्म करते रहे हैं। जो सम्मान मिला है, उसे सहर्ष स्वीकार करते हैं। सभी गुरुओं को नमन करता हूं। बाबा विश्वनाथ को प्रणाम करता हूं।
ज्योतिषाचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ का जन्म 9 दिसंबर 1958 को काशी के रामनगर में हुआ। उन्होंने रामसेतु को बचाने के लिए रामेश्वर जाकर सेतु बंधन जयवीर आग्नेय मंदिर का पता लगाया था। वहीं आराधना करके रामसेतु की सुरक्षा का संकल्प पूरा किया। उन्हें सभी शास्त्रों का ज्ञान है। शास्त्रों का समन्वय बनाकर एक सिद्धांत बताने में उन्हें महारत हासिल है।
जगद्गुरु रामानंदाचार्य पुरस्कार से सम्मानित आचार्य गणेश्वर शास्त्री रामघाट स्थित सांग्वेद विद्यालय चलाते हैं। आचार्य गणेश्वर शास्त्री यम-नियम का पालन करते हैं। जूता-चप्पल या खड़ाऊं नहीं पहनते हैं। ऋषियों की तरह रहते हैं। कपड़ों के नाम पर एक धोती पहनते हैं। आचार्य को तर्कवागीश, राष्ट्रीय पंडित पुरस्कार, धर्मसंस्कृति महाकुंभ, माणिक्यगौरवम, पंडित शंभूनाथ मिश्र और ज्योतिषविद्यारत्नम समेत कई सम्मान मिल चुके हैं।