पाकिस्तान ने 1100 से अधिक भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को जारी किया वीजा, बैसाखी समारोह के मद्देनजर लिया फैसला

पाकिस्तान ने वार्षिक बैसाखी समारोह में भाग लेने के लिए 1,100 से अधिक भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को वीजा (Visa) जारी किया है. ये समारोह 12-22 अप्रैल के बीच होने वाला है. नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान सरकार द्वारा पंजाबियों और सिखों के लिए बैसाखी के महत्व को ध्यान में रखते हुए उनके नए साल की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए वीजा जारी किया गया है.

पड़ोसी मुल्क द्वारा ये कदम ऐसे समय पर उठाया गया है, जब भारत-पाकिस्तान की सेनाएं जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का पालन करने के लिए राजी हुई हैं. हाल ही में पाकिस्तानी सरकार ने भारत से कपास और चीनी को आयात करने की मंजूरी दी, ताकि इसकी कमी से जूझ रहे घरेलू बाजार को संकट से बाहर निकाला जा सके. लेकिन कुछ मंत्रियों और विपक्ष के दबाव के बाद इमरान खान की सरकार ने एक दिन बाद ही अपने इस फैसले से पलटी मार ली.

वहीं, पाकिस्तान उच्चायोग ने बैसाखी मनाने वाले लोगों को विशेष रूप से बधाई दी और उम्मीद की कि आने वाले तीर्थयात्री सफलतापूर्वक यात्रा पूरी कर पाएंगे. इससे पहले, बताया गया था कि पाकिस्तान में बढ़ते कोरोना खतरे के बीच इमरान सरकार ने देश में मौजूद पवित्र सिख स्थलों के दर्शन के लिए भारतीय तीर्थयात्रियों को देश में आने की अनुमति देने का फैसला किया है. पाकिस्तान सरकार की तरफ से ये निर्णय बैसाखी को ध्यान में रखकर लिया गया है.

पाकिस्तानी अखबार द ट्रिब्यून के मुताबिक, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति बैसाखी कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए एक जत्था पाकिस्तान भेजेगी. बैसाखी का मुख्य कार्यक्रम हसन अब्दाल में मौजूद पंजा साहिब में 14 अप्रैल को आयोजित किया जाएगा. सिख तीर्थयात्रियों का जत्था न सिर्फ इस गुरुद्वारे में दर्शन करेगा, बल्कि देश के अन्य सिख तीर्थस्थलों में भी मत्था टेकेगा. इसमें गुरुद्वारा करतारपुर साहिब भी शामिल है. भारत से जत्था 12 अप्रैल को अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए पाकिस्तान के लिए रवाना होगा. ये जत्था 22 अप्रैल को भारत वापस लौटेगा.

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