पानीपत: परीक्षा से लौट रहे पति-पत्नी को ट्रैक्टर ने कुचला

हरियाणा के पानीपत में डाडोला बाईपास पर गन्ने से लदे ट्रैक्टर ट्राली ने दंपती को कुचल दिया। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। पति अपनी पत्नी की एचटेट की परीक्षा दिलाकर उसे बाइक पर लेकर गांव लौट रहा था। आरोपी ट्रैक्टर चालक मौके पर ट्रैक्टर छोड़कर फरार हो गया। दंपती की मौत से गांव डाडोला में मातम छाया है। 

मृतक युवक परिवार का इकलौता बेटा भी था। वो पत्नी के अध्यापक बनने के सपने को साकार कराने के लिए उसका हर प्रकार से सहयोग कर रहा था। स्थानीय लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल भिजवाया। पुलिस आरोपी ट्रैक्टर चालक की धरपकड़ में जुटी है। पुलिस पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी कर रही है।

गांव डाडोला निवासी राहुल ने बताया कि उसका चचेरा भाई अंकुश (26) पुत्र नेत्रराम बिजली निगम में डीसी रेट पर काम करता था। अब दो माह पहले उसका कार्यकाल पूरा हो गया था। उसकी साढ़े तीन साल पहले दीपा से शादी हुई थी। अब वो अपनी पत्नी दीपा के सरकारी अध्यापक बनने के सपने को साकार कराने का प्रयास कर रहा था। दोनों एक बच्ची के माता- पिता भी थे। रविवार को राहुल अपनी पत्नी दीपा की एचटेट की परीक्षा दिलाने एसडी कॉलेज आया था। दीपा की परीक्षा दिलाने के बाद अंकुश उसे बाइक पर लेकर वापस घर लौट रहा था। जब वें डाडोला बाईपास के पास फ्लाईओवर के नीचे पहुंचे तो छाजपुर की ओर से आ रहे तेज रफ्तार गन्ने से भरे ट्रैक्टर-ट्राली ने बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही दोनों सड़क पर गिर पड़े। ट्रैक्टर ने दोनों को कुचल दिया। अंकुश व दीपा की मौके पर ही मौत हो गई।

साढ़े तीन साल पहले हुई थी शादी, डेढ़ साल की एक बच्ची
पिता नेत्रराम ने बताया कि उसके दो बच्चे है। बड़ी बेटी डिंपल और छोटा बेटा अंकुश था। दोनों ही शादीशुदा है। अंकुश की करीब साढ़े तीन साल पहले बुच्चाखेड़ी गांव निवासी दीपा के साथ शादी हुई थी। उनकी एक डेढ़ वर्ष की बेटी खुशी है। इकलौते बेटे की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। सभी का रो-रोकर बुरा हाल है।

पत्नी को परीक्षा दिलानी थी, इसलिए भात में नहीं गया अंकुश
अंकुश की रिश्तेदारी में युवती की शादी थी। अंकुश को भाती बनकर भात भरने गांव नारायणा जाना था लेकिन पत्नी दीपा की परीक्षा थी। इसलिए उसने भात में जाने से इंकार कर दिया था। अंकुश का कहना है कि वो परीक्षा दिलाने के बाद अगर समय रहा तो भात में पहुंच जाएगा। अंकुश ने अपनी जगह अपने चचेरे भाई को भेज दिया था।

मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पिता करते हैं खेती
परिजनों ने बताया कि अंकुश बिजली निगम में डीसी रेट पर कर्मचारी था। अब उसका कार्याकाल पूरा हो चुका था। अब वो सरकारी नौकरी की तैयारी भी कर रहा था। अंकुश के पिता नेत्रराम खेतीबाड़ी करते है। मां सुनीता गांव डाडोला में ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं।

बेटी भी साथ जाने की कर रही थी जिद
अंकुश और दीपा की डेढ़ वर्ष की बेटी भी सुबह साथ चलने की जिद कर रही थी लेकिन मां दीपा ने शहर से उसके लिए चीज लाने की बात कहकर उसे दादी सुनीता के पास छोड़ दिया था। खुशी की आंखें अब भी माता-पिता के घर लौटने का इंतजार कर रही हैं।
 सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। दोनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए सामान्य अस्पताल के शवगृह में रखवा दिया है और परिजनों के बयान पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। – इंस्पेक्टर मंजीत सिंह, सेक्टर 29 थाना प्रभारी।

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