संसद सदस्यता समाप्त किए जाने के बाद आज संसद पहुंचे राहुल

राहुल गांधी अपनी संसद सदस्यता भंग किए जाने के बाद बुधवार को पहली बार संसद पहुंचे। वे यहां कांग्रेस सांसदों की बैठक में शामिल होने आए थे। यहां आधा घंटा रुकने के बाद वे मां सोनिया गांधी के साथ गाड़ी में बैठकर निकल गए। राहुल की संसद सदस्यता 24 मार्च को रद्द कर दी गई थी। वे केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद थे।

इस बीच, बुधवार को संसद के 12वें दिन की कार्यवाही 3 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा में कांग्रेस सांसदों ने स्पीकर के सामने ‘सेव डेमोक्रेसी’ के पोस्टर दिखाए और काले कपड़े लहराए। कांग्रेस नेता आज भी काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचे थे। हालांकि कांग्रेस की बैठक में शामिल होने पहुंचे राहुल सफेद टीशर्ट में आए थे।

खड़गे बोले- PM भ्रष्ट हैं, इसलिए भ्रष्टाचारियों को बचा रहे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि PM मोदी खुद भ्रष्ट हैं। वे उन लोगों को कुछ नहीं कह रहे हैं, जिन्होंने इस देश को लूटा। ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। JPC का गठन नहीं किया जा रहा है, तो क्या PM ने भ्रष्ट लोगों के साथ हाथ मिला लिया है?

खड़गे ने कहा कि कर्नाटक में 40% की सरकार है और भाजपा को इसमें महारत हासिल है। उन विधायकों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया जिनके यहां से 8-10 करोड़ रुपए बरामद किए गए। यहां अगर विपक्ष के किसी नेता के घर से पैसा मिल जाए तो भाजपा उसे बड़ा मुद्दा बना देती है। भाजपा ED को बुला लेती है।

अश्विनी वैष्णव बोले- घमंड के चलते राहुल की सांसदी गई
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि राहुल गांधी अपने घमंड की वजह से डिस्क्वालिफाई हुए हैं। उन्हें लगता है कि वे एक खास परिवार में पैदा हुए हैं तो इस देश पर राज करना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है। इसी वजह से उनके दिमाग में ऐसे गलत ख्याल आते हैं।

मंगलवार को दोनों सदनों में हंगामे की वजह से संसद की कार्यवाही नहीं हो पाई थी। सुबह 11 बजे सत्र शुरू होते ही अडाणी और राहुल के मुद्दे पर विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया। लोकसभा में कुछ सांसद वेल में आ गए और स्पीकर के सामने कागज फाड़ कर फेंक दिए। कुछ ने काले कपड़े भी दिखाए। इसके बाद सदन स्थगित कर दिया गया।

दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लिया
कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को राहुल की सांसदी खत्म किए जाने के विरोध में मशाल यात्रा निकालने का निर्णय लिया था। जब पार्टी के नेता और कार्यकर्ता लाल किले के पास पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें मशाल जुलूस निकालने की परमिशन नहीं दी। इसके बावजूद कांग्रेस नेता लाल किले के पास ‘लोकतंत्र बचाओ मशाल शांति मार्च’ के लिए पहुंच गए।

इसके चलते पुलिस ने कई कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए लोगों में कांग्रेस के सीनियर लीडर हरीश रावत, पी. चिंदबरम भी शाामिल थे। हरीश रावत ने कहा कि ये लोकतंत्र की हत्या है। हमने मशालें जलाईं, जिन्हें पुलिस ने बुझाने का काम किया, लेकिन हम दिल की मशाल जलाएंगे, हर जुल्म से लड़ेंगे

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