प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीन दिवसीय गुजरात दौरे के आखिरी दिन सोमवार को गिर राष्ट्रीय उद्यान का दौरा किया. जहां उन्होंने राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की 7वीं बैठक की अध्यक्षता की. साथ ही वन्यजीव संरक्षण में सरकार द्वारा की गई कई पहलों की समीक्षा की. इस मौके पर पीएम मोदी ने देश में किए गए पहले नदी डॉल्फिन आकलन की रिपोर्ट भी जारी की.
गिर नेशनल पार्कमें सुबह अपनी शेर सफारी पूरी करने के बाद पीएम मोदी गुजरात के जूनागढ़ जिले के सासन में NBWL की बैठक के लिए रवाना हो गए. इस मौके पर पीएम मोदी ने जूनागढ़ में राष्ट्रीय रेफरल केंद्र-वन्यजीव की आधारशिला रखी और इस साल मई में एशियाई शेरों की 16वीं जनसंख्या अनुमान की घोषणा की. एशियाई शेरों की आबादी का अनुमान हर पांच साल में एक बार लगाया जाता है. आखिरी बार यह 2020 में किया गया था.
‘प्रोजेक्ट लायन’ के लिए 2900 करोड़ की मंजूरी
प्रधानमंत्री NBWL के पदेन अध्यक्ष हैं और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने एक पोस्ट में कहा, ‘एशियाई शेरों के आवास को संरक्षित करने में आदिवासी समुदायों और आसपास के क्षेत्रों की महिलाओं की भूमिका भी उतनी ही सराहनीय है.’ पीएम मोदी ने कहा कि पिछले एक दशक में बाघों, तेंदुओं, गैंडों की आबादी में भी बढ़ोतरी हुई है, जो दिखाता है कि हम वन्यजीवों को कितनी गहराई से संजोते हैं.
वहीं, सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने एशियाई शेरों के संरक्षण के लिए ‘प्रोजेक्ट लायन’ के लिए 2,900 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दी है. वर्तमान में, एशियाई शेर गुजरात के 9 जिलों के 53 तालुकाओं में लगभग 30,000 वर्ग किलोमीटर में रह रहे हैं. एशियाई शेर का वैज्ञानिक नाम पैंथेरा लियो पर्सिका है. इसके अलावा, जूनागढ़ के न्यू पिपल्या मेंवन्यजीवों के लिए राष्ट्रीय रेफरल केंद्र की आधारशिला भी रखी.
वन्यजीव ट्रैकिंग के लिए निगरानी केंद्र की स्थापना
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘संरक्षण प्रयासों को मजबूत करने के उद्देश्य से सासन में वन्यजीव ट्रैकिंग के लिए एक उच्च तकनीक निगरानी केंद्र और एक अत्याधुनिक अस्पताल भी स्थापित किया गया है. राज्य सरकार ने ग्रेटर गिर क्षेत्र में रेलवे पटरियों पर शेरों की आवाजाही के कारण होने वाली संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे के सहयोग से एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी तैयार की है. इससे ऐसी घटनाओं में काफी कमी आई है.’
पीएम मोदी ने बैठक के दौरान देश में पहली बार किए गए नदी डॉल्फिन अनुमान की रिपोर्ट जारी की, जिसमें कुल 6,327 डॉल्फिन का अनुमान लगाया गया था. इसमें 8 राज्यों की 28 नदियों का सर्वेक्षण करना शामिल था, जिसमें 8,500 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करने के लिए 3150 दिन समर्पित किए गए. उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई, उसके बाद बिहार, पश्चिम बंगाल और असम का स्थान रहा.