बिंदु-बिंदु विचार!

  • उद्धव ठाकरे बोले- अपनों ने दगा दिया। मुख्यमंत्री पद छोड़ता हूँ। परायों ने साथ दिया उनका आभार।
  • जिनके साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, उनके साथ किसने गद्दारी की? उल्टा चश्मा पहिनने पर ऐसा ही होता है। अपने पराये हो जाते हैं और पराये अपने।
  • उनका आभार कभी न मानना जो सही रास्ता दिखा रहे थे ! कलयुग है, आपकी क्या गलती।
  • कंगना रनौत का कार्यालय विध्वंस करके संजय राउत ने “सामना” में लिखा था- ‘लो उखाड़ लिया’
  • अब तो पूरा शकुनी दरबार ही उखड़ गया। सारे पाप कर्म सामने आ गए।
  • ओवैसी बोले- हम (मुस्लिम) और वे (हिन्दू) नदी के दो किनारे हैं जो आपस में कभी नहीं मिल सकते।
  • इस साफगोई के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया। गंगा-जमुनी तहजीब के हिमायती सुन लें।
  • अशोक गहलोत ने फ़र्माया- राजस्थान में बहुत तनाव है- मोदी शांति स्थापित क्यों नहीं कराते?
  • मोदी को छोड़िये, बेहतर है यह जिम्मेदारी सचिन पायलट को सौंप दीजिये, दोनों का भला हो जायेगा !

गोविन्द वर्मा
संपादक ‘देहात’

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