राजस्थान में सियासी हलचल, BTP के 2 विधायकों ने गहलोत सरकार से समर्थन वापस लिया

पंचायत समिति चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के सामने एक बार फिर सियासी संकट खड़ा हो गया है। दरअसल, भारतीय ट्राइबल पार्टी यानी बीटीपी के दो विधायकों ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। बता दें कि साल 2020 की शुरुआत में जब उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने नाराजगी जताई थी, तब बीटीपी के दोनों विधायकों ने अशोक गहलोत सरकार का समर्थन किया था।

बीटीपी के समर्थन लेने के पीछे पंचायत समिति चुनाव में मिली हार को वजह माना जा रहा है। बीटीपी के प्रदेशाध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने कहा कि पंचायत समिति चुनाव से भाजपा और कांग्रेस का असली चेहरा सामने आ गया। इन दोनों पार्टियों की ‘मिलीभगत’ से वह डूंगरपुर में अपना जिला प्रमुख और तीन पंचायत समितियों में प्रधान नहीं बना पाए, जबकि बहुमत उनके पास था। ऐसे में हम राज्य की गहलोत सरकार से अपने रिश्ते खत्म कर रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक, बीटीपी के दोनों विधायकों के समर्थन वापस लेने से गहलोत सरकार पर फिलहाल कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि पार्टी के पास राज्य में पूर्ण बहुमत है। दरअसल, राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटे हैं, जिनमें 118 सीटें गहलोत सरकार के पास हैं, जिनमें कई निर्दलीय विधायक भी हैं। हालांकि, बीटीपी के इस समर्थन वापसी का असर आगामी विधानसभा उपचुनाव में नजर आ सकता है।

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