वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर देशभर में विरोध देखने को मिल रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में हिंसा हो रही है. इस बीच AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा ऐलान किया है. ओवैसी ने ऐलान किया वे 19 अप्रैल से इस विधेयक प्रदर्शन करेंगे जो बकरीद तक चलेगा.ओवैसी ने एक बार फिर वक्फ कानून का विरोध करते हुए उसे काला कानून करार दिया. असदुद्दीन ओवैसी इस विधेयक को लेकर शुरुआत से सख्त तेवर अपनाए हुए हैं. संसद में वे बिल की कॉपी भी फाड़ चुके हैं.
ओवैसी ने कहा कि 19 अप्रैल को हम वक्फ के खिलाफ एक जनसभा आयोजित करने जा रहे है. इस सभा की ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी करेंगे. इस पहले एक बैठक होगी जो AIMPLB और जमात-ए-इस्लामिया जैसे अन्य मुस्लिम संगठनों और तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों के अन्य संगठनों के साथ की जाएगी.
वक्फ बोर्ड बन गया एक डाकघर- ओवैसी
मैं वक्फ विधेयक में शामिल अन्य JPC सदस्यों से बात कर रहा हूं और उनसे भी इसमें भाग लेने के लिए कह रहा हूं. वक्फ संशोधन विधेयक असंवैधानिक है यह अनुच्छेद 14, 15, 25 और 26 के खिलाफ है. यह संशोधन विधेयक वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए नहीं है, यह इसके अतिक्रमणकारियों के खिलाफ नहीं है.
वे वक्फ संपत्तियों को निशाना बना रहे हैं. तिरुमाला में, चंद्रबाबू नायडू तिरुमाला तिरुपति से गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटा रहे हैं. वक्फ बोर्ड एक डाकघर बन गया है.
वक्फ को लेकर क्या बोले ओवैसी?
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सिख, ईसाई या हिंदू बंदोबस्ती बोर्ड में धर्म से बाहर के सदस्य नहीं हैं. मैं हिंदू, सिख और जैन भाइयों से पूछना चाहता हूं कि जब उन्हें अपने धर्म की सदस्यता आरक्षित करने का अधिकार है, तो मोदी हमारे धर्म से बाहर के दो लोगों के लिए प्रावधान कैसे कर सकते हैं? मोदी अतिक्रमण करने वालों को वक्फ संपत्तियों का मालिक बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि संसाधनों में, कृपया धारा 3डी पढ़ें. इसमें कहा गया है कि कोई भी मस्जिद, दरगाह या कोई भी संपत्ति, जिसे एएसआई ने अपने कब्जे में ले लिया है, उसे वक्फ संपत्ति नहीं माना जा सकता है. वे गलत प्रचार कर रहे हैं कि इससे मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं होने वाला है.