श्रद्धा के साथ मनेगा बांके बिहारी का प्राकट्योत्सव

जन जन के आराध्य ठाकुर श्रीबांकेबिहारी महाराज का प्राकट्य महोत्सव आठ दिसंबर को बिहार पंचमी पर धूमधाम और विविध धार्मिक कार्यक्रमों के साथ मनाया जाएगा। श्रीबांकेबिहारी की प्राकट्य स्थली निधिवनराज से लेकर बांकेबिहारी मंदिर में तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। सेवायत अपने लाडले के प्राकट्य महोत्सव को मनाने में जुटे हैं।

 
सजाया जाएगा मंदिर
मंदिर के सेवायत गुंजन गोस्वामी ने बताया कि आठ दिसंबर को मंदिर को हजारों रंगबिरंगे गुब्बारों से सजाया जाएगा और मंदिर परिसर में गुलाब, केसर और हिना के इत्र का छिड़काव किया जाएगा। बिहार पंचमी पर ठाकुर बांकेबिहारी महाराज स्वर्ण रजत निर्मित पोशाक धारण करेंगे। पोशाक दिल्ली के विशेष कारीगरों द्वारा तैयार की गई है। पोशाक के निर्माण में मोती, मूंगा, पन्ना आदि रत्नों की कारीगरी भी की गई है। वहीं ठाकुरजी को पहनाए जाने वाले मुकुट, टिपारा, चंद्रिका, हार, कुंडल, बाजूबंद, कमरबंद सहित 16 वस्त्रों का निर्माण भी स्वर्ण रजत और विशेष रत्नों से किया गया है। इस पोशाक को धारण कर ठाकुरजी अपने भक्तों को दर्शन देंगे। 


ठाकुरजी का होगा अभिषेक
बिहार पंचमी पर भी पंचगव्यों से ठाकुर बांकेबिहारी का होने वाले अभिषेक की तैयारियां पूरी कर लीं गईं हैं। बताया गया है कि बिहार पंचमी को सेवायत सुबह सात बजे अपने आराध्य को चांदी के तीस किलोग्राम बजनी ढोंगे में विराजित करते हैं। इसके बाद घी, शहद, बूरा, दूध और दही के साथ-साथ गुलाब जल से ठाकुरजी का अभिषेक कराया जाता है। ठंड से बचाव के लिए इसी दिन से ही ठाकुरजी को चंदन के स्थान पर केसर लगाने का भी क्रम शुरू हो जाता है। अभिषेक के दर्शन सेवायतों के अलावा अन्य श्रद्धालुओं को सुलभ नहीं होते। अभिषेक मंदिर में पर्दा डालकर किया जाता है। वर्ष में एक ही दिन बिहार पंचमी पर ही चरणामृत के स्थान पर भक्तों को पंचामृत बांटा जाता है।

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