प्रयागराज: संगम तट पर शराबखोरी को लेकर तीर्थ पुरोहितों में खासी नाराज़गी


संगम में स्नान के बाद आम तौर पर लोग क्या करते हैं? तिलक-चंदन लगाते हैं, दान-पुण्य करते हैं लेकिन प्रयागराज में संगम किनारे अरैल घाट पर अज़ब नज़ारा देखने को मिला, जहां दो अधेड़ संगम में डुबकी लगाने के बाद घाट पर ही बाइक की सीट पर पैग बनाने लगे. फिर क्या था जब शराब का दौर चला तो अंडवियर पहले दोनों अधेड़ों ने सिगरेट भी सुलगा ली और सनातन आस्था के बड़े केंद्र को मैखाना मान जाम से जाम टकराने लगे. 

इस बीच अरैल घाट पर मौजूद तीर्थ पुरोहितों में से किसी ने शराबियों का वीडियो बना लिया. वीडियो बनाते समय तीर्थपुरोहित आपस में बात कर रहे हैं, एक तोर्थपुरोहित कहता है, ‘देखिए दारू पियत हैं, जै मां गंगे हर हर गंगे, गाड़ी का नंबर भी देख लीजिए, सभी से निवेदन है ऐसे लोगों को शासन प्रशासन हाई लाइट करें.

संगम तट पर शराबखोरी को लेकर तीर्थ पुरोहितों में खासी नाराज़गी है. घाट पर मौजूद तीर्थपुरोहित कहते हैं कि ये घाट पूरी तरह से नशेड़ियों का अड्डा बन गया है. शाम ढलते ही यहां नशेड़ियों का जमावड़ा लगता है और पुलिस इस घाट की तरफ से आंखें मूंदे रहती है. दरअसल पुलिस शिकायत या किसी बड़ी घटना का इंतज़ार करती है और जब ऐसा कुछ हो जाता है, तभी वो जांच की जहमत उठाती है. हैरानी की बात है कि एक तरफ तो कृष्ण जन्मभूमि की तर्ज पर संगम क्षेत्र को मांस-मदिरा से मुक्त करने की मांग की जा रही है, तो दूसरी तरफ गंगा में डुबकी लगाकर शराबी बदन सूखने से पहले घाट पर बोतल खोलते दिख रहे हैं.

संतों ने की कार्रवाई की मांग

संगम तट पर शराबखोरी का वीडियो वायरल होने के बाद साधु-संतों में भी खासी नाराजगी है. बाघम्बरी मठ के मठाधीश स्वामी बलवीर गिरी का कहना है कि ऐसी घटनाएं भारतीय संस्कृति पर आघात की तरह हैं. कम से कम तीर्थ स्थलों को पूजा-पाठ के लिए छोड़ दें. तीर्थ स्थलों की पवित्रता भंग न करें. वीडियो में जो लोग दिखाई दे रहे हैं वह उम्रदराज लग रहे हैं. ऐसे लोग अगर ऐसी करतूत करेंगे, तो नौजवान पीढ़ी पर उसका क्या असर होगा? मैं सरकार से मांग करता हूं, इस मामले में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो

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