राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मंगलवार, 27 जुलाई को श्रीनगर में कश्मीर विश्वविद्यालय के 19वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा, आज करीब तीन लाख छात्र डिग्री प्राप्त कर रहे हैं। पिछले आठ वर्षों में 2.5 लाख से अधिक स्नातक और 1,000 से अधिक डॉक्टरेट के साथ। मैं इस संख्या से प्रभावित हूं। उन्होंने कहा कि कश्मीर विश्वविद्यालय ने उल्लेखनीय प्रगति की है।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि डिग्री प्राप्त करने वाले लगभग आधे छात्रों में महिलाएं हैं, यह बेहद अच्छी स्थिति है। उन्होंने स्वर्ण पदकों हासिल करने वाली बेटियों के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि 70% स्वर्ण पदक विजेता महिलाएं हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि यह संतोष और गर्व की बात है कि हमारी बेटियां हमारे बेटों के समान स्तर पर प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं और कभी-कभी इससे भी बेहतर प्रदर्शन भी।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, भारत में सीखने की महान परंपराएं थीं और कश्मीर उनमें से कुछ का घर रहा है। आधुनिक शिक्षा को समृद्ध विरासत के साथ इस तरह जोड़ने की आवश्यकता महसूस की गई है, जिससे हमें 21वीं सदी की चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना करने में मदद मिले। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि महान ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व की इस भूमि में आज आप सबके बीच आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। इसे संतों की भूमि कहा गया है, और इसने हमेशा दूर-दूर से आध्यात्मिक साधकों को आकर्षित किया है। मैं इस भूमि पर खड़ा होकर धन्य महसूस करता हूं, जो न केवल ज्ञान का भंडार है, बल्कि अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य से भी संपन्न है।
राष्ट्रपति ने कहा कि कश्मीर विश्वविद्यालय ने दो उत्कृष्ट केंद्रों की स्थापना के साथ अपनी उपलब्धियों में और पंख जोड़े है जो उच्च महत्व के हैं। एक ग्लेशियोलॉजी के लिए समर्पित है, और दूसरा हिमालयी जैव विविधता दस्तावेजीकरण, जैव-पूर्वेक्षण और संरक्षण के लिए है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि कश्मीर विश्वविद्यालय के ये दो उत्कृष्टता केंद्र एवं प्रयोगशाला दुनिया को जलवायु चुनौतियों का मुकाबला करने और प्रकृति को पोषित करने का रास्ता भी दिखाएंगे।