राष्ट्रपति मुर्मू ने प्रदान किए राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 11 छात्र सम्मानित

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार, 23 जनवरी, 2023 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित समारोह में 11 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2023 से नवाजा। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार छह श्रेणियों – कला और संस्कृति, बहादुरी, नवाचार, शैक्षणिक, सामाजिक सेवा और खेल में उत्कृष्टता के लिए पांच से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को प्रदान किया जाता रहा है।

इस वर्ष, कला और संस्कृति (4), बहादुरी (1), नवाचार (2), समाज सेवा (1), और खेल के क्षेत्र में असाधारण उपलब्धि के लिए (3) चुने गए बच्चों को पीएम राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (पीएमआरबीपी) प्रदान किया गया। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 2023 पाने वाले 11 बच्चों में एक मल्लखंब वादक, हड्डी रोग से पीड़ित एक गायक और एक यूट्यूबर शामिल हैं। इनमें छह लड़के और पांच लड़कियां थीं। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार और एक प्रमाण पत्र दिया गया। 

इनका हुआ सम्मान

पुरस्कार पाने वालों में गायक आदित्य सुरेश, नर्तक एम गौरवी रेड्डी, 12 वर्षीय तबला कलाकार श्रेया भट्टाचार्जी, वीरता श्रेणी में रोहन रामचंद्र बहिर, नवाचार की श्रेणी में आदित्य प्रताप सिंह चौहान और ऋषि शिव प्रसन्ना, 10 वर्षीय राष्ट्रीय स्तर के मल्लखंभ खिलाड़ी शौर्यजीत रंजीतकुमार खैरे और SQAY मार्शल आर्ट खिलाड़ी हनाया निसार आदि शामिल हैं।  

यह सम्मान राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए प्रोत्साहन

इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि बच्चे हमारे देश की अमूल्य संपत्ति हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि उनके भविष्य के निर्माण के लिए किया गया हर प्रयास हमारे समाज और देश के भविष्य को आकार देगा। हमें उनके सुरक्षित और खुशहाल बचपन और उज्ज्वल भविष्य के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। बच्चों को पुरस्कार देकर हम राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को प्रोत्साहित और सम्मानित कर रहे हैं।

कम उम्र में अदम्य साहस और पराक्रम दिखाया

राष्ट्रपति ने कहा कि कुछ पुरस्कार विजेताओं ने इतनी कम उम्र में ही इतना अदम्य साहस और पराक्रम दिखाया है कि उनके बारे में जानकर उन्हें न केवल आश्चर्य हुआ बल्कि अभिभूत भी हुईं। उनके उदाहरण सभी बच्चों और युवाओं के लिए प्रेरणादायी हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि हम देश भर में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। कड़े संघर्ष के बाद हमें आजादी मिली है। इसलिए नई पीढ़ी से यह अपेक्षा की जाती है कि वे सभी इस स्वतंत्रता के मूल्य को पहचानें और इसकी रक्षा करें। उन्होंने बच्चों को सलाह दी कि वे देश के हित के बारे में सोचें और जहां भी मौका मिले देश के लिए काम करें।

पौधे लगाने और उनकी रक्षा करने का आग्रह

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आज के बच्चे पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक हैं। उन्होंने उन्हें यह ध्यान रखने की सलाह दी कि वे जो कुछ भी करते हैं उससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ रहा है। उन्होंने लोगों से पौधे लगाने और उनकी रक्षा करने का आग्रह किया। उन्होंने उनसे ऊर्जा बचाने और बड़ों को भी इसके लिए प्रेरित करने का आग्रह किया।

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