हिमाचल की जेलों में रोजाना चलती है कैदियों की पाठशाला, कई कर रहे स्नातक की पढ़ाई

शिमला/धर्मशाला  हिमाचल की जेलों में रोजाना पाठशाला चलती है। जो हाथ कभी अपनों के खून से सने रहे, अथवा संगीन जुर्म में संलिप्त रहे, उन हाथों में धारदार हथियार की जगह किताब है। वे किताबों के सहारे उज्जवल भविष्य के सपने संजो रहे हैं। जेल अब इनके लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने का संस्थान अथवा किसी आदर्श पाठशाला से कम नहीं है। कई स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं तो कुछ बारहवीं का पाठ्यक्रम पढ़ रहे हैं। वर्ष 2018-19 में कैदियों ने स्नातक की शिक्षा पूरी की। बंदियों को शिक्षित करने के उद्देश्य से जेलों में इग्नू सेंटर खोले गए हैं।

वर्ष 2017-18 में 106 कैदियों ने शिक्षा हासिल की, जिनमें से 85 ने जमा दो, 18 ने स्नातक और 03 ने स्नातकोत्तर में शिक्षा हासिल की। वर्ष 2018-19 में 88 कैदियों में से 67 ने जमा दो, 13 में स्नातक एवं 08 ने स्नातकोत्तर में शिक्षा प्राप्त की। प्रदेश की सभी जेलों में कैदियों के मनोरंजन और सामान्य ज्ञान में सुधार के लिए किताबें, समाचार पत्र उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।

हर हाथ को काम

पिछले तीन वर्षों के कार्यकाल में ‘हर हाथ को काम’ योजना के तहत जेलों में बेकरी, कैंटीन, सिलाई, वे‍ल्डिंग, कार वाशिंग, लॉंड्री, स्पाइस यूनिट, सैलून आदि के नए कार्य आरंभ किए गए हैं। बंदी इस तरह नए-नए कार्य सीखने के साथ-साथ आय भी अर्जित कर रहे हैं। 2019-20 में एक करोड़ 48 लाख रुपये की मजदूरी दी गई। ‘हर हाथ को काम’ योजना से विभाग मुक्त कारागार कैदियों को जेलों की परिधि से बाहर निजी उद्यमों में काम करने की अनुमति देकर उनके लिए नौकरी, कार्य प्राप्त करने की सुविधा भी दे रहा है। वर्तमान में इस परियोजना के तहत 04 महिलाओं सहित 146 कैदी मजदूरी अर्जित कर रहे हैं।

बड़े अस्पतालों में गंभीर बीमारियों का इलाज

सरकार की ओर से कैदियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। आदर्श केन्द्रीय कारागार कंडा (शिमला), नाहन, लाला लाजपतराय जिला सुधार गृह धर्मशाला और मुक्त कारागार बिलासपुर में पूर्णकालिक चिकित्सा अधिकारी के पद स्वीकृत हैं। बाकि जेलों में कैदियों के मेडिकल चेकअप, इलाज के लिए डॉक्टर स्थानीय चिकित्सालयों से अंशकालिक दौरा करते हैं। गंभीर बीमारी की स्थिति में कैदियों को जिला अस्पतालों, इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला, पीजीआई चंडीगढ़ और नई दिल्ली स्थित अस्पतालों में भेजा जाता है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश जेल विभाग देश का एकमात्र विभाग है, जहां पिछले तीन वर्षों के दौरान कैदियों की एचआईवी और टीबी प्रोफाइलिंग सुविधा प्रदान की है। सभी जेलों में कुल 23 एचआइवी शिविर आयोजित किए गए हैं, जिनमें 2013 कैदियों का परीक्षण किया गया। जेलों में क्षय रोग के उन्मूलन के लिए कैदियों की तपेदिक की नियमित जांच की जा रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here