पंजाब: मुख्यमंत्री का काम तो सिर्फ विज्ञापनों में बोल रहा है- भाकियू

भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने अहम मुद्दों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ रेल रोको आंदोलन किया। सुनाम रेलवे स्टेशन के सामने रेलवे ट्रैक पर धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर रोष व्यक्त किया। आंदोलन में हजारों की संख्या में महिलाओं ने भाग लिया।

यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने आंदोलन को संबोधित किया और आप सरकार के छह माह पूरे होने पर ‘काम बोलता है’ के स्लोगन की जमकर हवा निकाली। उगराहां ने कहा कि विधानसभा में बेशक सरकार के पास भरोसा है लेकिन इस सरकार से आम जनता का भरोसा पूरी तरह से उठ चुका है। अगर सरकार का काम बोलता तो किसान धरने पर नहीं होते। अगर सरकार का काम बोलता तो बेरोजगार धरने नहीं देते। पंजाब में नशा नहीं बिक रहा होता। मुख्यमंत्री का काम बोलता होता तो किसान व मजदूर का कर्ज माफ होता। मुख्यमंत्री का काम तो सिर्फ विज्ञापनों में बोल रहा है। 

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों की तरह जनता की आंख में धूल झोंकने की कोशिश हो रही है। उन्होंने चेतावनी देते कहा कि अभी समय है सरकार संभल जाए अन्यथा जनता फर्श पर पटकने में देर नहीं करेगी। जिलाध्यक्ष अमरीक सिंह के नेतृत्व में दोपहर 12 से 3 बजे तक रेलवे स्टेशन सुनाम पर ट्रेनों को जाम कर धरना दिया। धरने में मांग की गई कि पिछले साल कई जिलों में नष्ट हुई नरमा फसल का मुआवजा किसानों और खेत श्रमिकों को तुरंत वितरित किया जाए और खेत श्रमिकों को मुआवजे के मामले में स्पष्ट भेदभाव को रोका जाना चाहिए। इस वर्ष भारी बारिश और खराब फसलों के लिए मजदूरों और किसान किसानों को मुआवजा दें और फाजिल्का, पटियाला जिलों में ओलावृष्टि से हुए फसल के नुकसान के मुआवजे का भी तुरंत भुगतान किया जाए। 

उन्होंने मांग की कि लोकतांत्रिक आंदोलनों के दौरान पुलिस दमन को रोके और श्रमिक किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की सहमति को तुरंत लागू करें। भारत माला राजमार्ग परियोजना के लिए मामूली मुआवजा जारी कर भूमि के कारपोरेट अतिक्रमण के लिए पुलिस बल के बार-बार प्रयोग को रोके और किसानों को क्षेत्र के बाजार दर पर 30 फीसदी विस्थापन भत्ता तुरंत दें। साथ ही कृषि श्रमिकों के नौकरी से विस्थापन का मुआवजा भी दें। बिना जलाए पराली रखने पर 200 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दें, अन्यथा मजबूरी में पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई बंद करें। चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में शर्मनाक घटना का विरोध कर रही छात्राओं से बेशर्मी करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।

उन्होंने आगे कहा कि बिजली वितरण क्षेत्र के निजीकरण के केंद्र की भाजपा सरकार के तानाशाही फैसले को निरस्त करें। इसके अलावा प्रदेश उपाध्यक्ष जनक सिंह भुटाल, प्रदेश सचिव जगतार सिंह ने संबोधित किया और मंच सचिव की भूमिका जिला महासचिव दरबारा सिंह छजाला ने निभाई।

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