पंजाब: पूर्व मंत्री जोगिंदर मान ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा

कपूरथला। पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्ताधारी कांग्रेस के कद्दावर नेता एवं करीब 50 सालों से पार्टी में विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे जोगिंदर सिंह मान ने पार्टी छोड़ दी है। वह पार्टी का बड़े दलित चेहरे थे। मान ने फगवाड़ा को जिला न बनाए जाने और पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप घोटाले के कार्रवाई न किए जाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस छोड़ने की बात कही है। बताया जा रहा है कि वह आरक्षित हलका फगवाड़ा से कांग्रेस टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन टिकट न मिलने की संभावना से नाराज मान ने पार्टी छोड़ दी। जोगिंदर सिंह मान पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री बूटा सिंह के भांजे हैं। मान बेअंत सिंह, रजिंदर कौर भट्ठल, हरचरन सिंह बराड़ एवं कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

पंजाब की दलित राजनीति का बड़ा नाम जोगिंदर सिंह मान ने कांग्रेस की तरफ से डा. बी आर अंबेडकर पोस्ट मैट्रिक सकालरशिप घोटाले के आरोपितों पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। कहा कि दलितों के बच्चों के हित्तों की रक्षा करने में सरकार फेल रही है। यह दलित समाज के साथ सरासर धोखा है। 1985, 1992 और 2002 में फगवाड़ा से विधायक रहे मान ने कहा कि वह चाहते था कि उनकी मौत के बाद उनकी लाश कांग्रेस के झंडे में लिपटे, लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू जैसे नेताओं की तरफ से पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम के आरोपितों को पार्टी में पनाह देने के कारण उनका जमीर अब पार्टी में रहने की इजाजत नहीं देता। इससे आहत होकर वह भरे मन से कांग्रेस को छोड़ रहे हैं। 

टिकट मिलना कांग्रेस छोड़ने का असल कारण

जोगिंदर सिंह मान फगवाड़ा हलके से ताल्लुक रखते हैं, जिनका पूरे क्षेत्र में अच्छा खासा रसूख है, लेकिन कांग्रेस प्रधान सिद्धू की तरफ से मौजूदा विधायक बलविंदर सिंह धालीवाल के पक्ष में उतरने से वह कई दिनों से नाराज थे। वह अपनी नाराजगी सीनियर लीडरशिप तक भी पहुंचा चुके थे, लेकिन उन्हें टिकट का कोई भरोसा नहीं मिला, जिससे उन्होंने अब कांग्रेस छोड़ने का फैसला लिया है। मान के आम आदमी पार्टी में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है, जिन्हें आप की तरफ से फगवाड़ा से उम्मीदवार भी घोषित किया जा सकता है। 

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