निजी अस्पतालों से वैक्सीन वापस लेगी पंजाब सरकार, चौतरफा घिरने के बाद यू-टर्न

पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार 400 रुपये प्रति खुराक कोवाक्सिन टीका खरीद कर 1060 रुपये में निजी अस्पतालों को बेचने के आरोप में चौतरफा घिरती नजर आ रही है। पहले से अपनी पार्टी में विरोध का सामना कर रहे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर आरोप लगाने वाले शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर से मुलाकात की और अमरिंदर सरकार की बर्खास्तगी की मांग कर डाली। 

वहीं, भाजपा ने दिल्ली में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, राजस्थान में टीके फेंके जा रहे हैं तो वहीं पंजाब में मुनाफा कमाया जा रहा है। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं। हालांकि, इस मुनाफाखोरी के बाद पंजाब सरकार ने निजी अस्पतालों को दिया गया टीका वापस मंगाने का बाकायदा आदेश जारी कर दिया। वहीं, केंद्र ने इस बारे में पंजाब सरकार से स्पष्टीकरण मांग लिया है। 
जरूरत पड़ी तो कोर्ट भी जाएंगे: शिअद
शिअद नेता सुखबीर सिंह बादल का दावा है कि कोवाक्सिन टीके की खुराक राज्य को 400 रुपये में मिलती है और पंजाब सरकार उसे निजी अस्पतालों को 1,060 रुपये में बेच रही है। आगे निजी अस्पताल लोगों से प्रत्येक खुराक के लिए 1,560 रुपये ले रहे हैं। सुखबीर ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हमारी पार्टी इस मामले की जांच के लिए अदालत भी जाएगी।

उन्होंने पहले ही हाईकोर्ट की निगरानी में इस घोटाले की जांच की मांग की थी। उन्होंने कहा, राज्य सरकार ने कोरोना से मरने वालों के आंकड़ों में भी हेरफेर की। सरकारी आंकड़ों में 15 हजार मौतें ही बताई गईं, जबकि गैर सरकारी आंकड़ों में यह संख्या करीब 60 हजार है।

42,000 खुराक दी गई थीं, 600 का ही इस्तेमाल किया, सब वापस मंगाए
विवाद के एक दिन बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू और टीकाकरण के नोडल ऑफिसर विकास गर्ग ने कहा, कुल 42,000 खुराक निजी अस्पतालों को दी गई थी, जिनमें से सिर्फ 600 खुराक का ही इस्तेमाल हुआ। हमने अस्पतालों से फौरन इन खुराकों को मंगाने के निर्देश दिए हैं। पंजाब सरकार ने शुक्रवार को टीकों की वापसी के निर्देश जारी किए थे। 
जो टीका मुफ्त देना था, उसे ऊंचे दामों पर बेचा गया, जांच हो: भाजपा
केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता हरदीप सिंह पुरी ने इस मामले में जांच की मांग करते हुए कहा, राहुल और सोनिया गांधी कहते रहते हैं कि हमें टीकों का निर्यात नहीं करना चाहिए। राहुल पूछते हैं कि हमारे बच्चों के टीके कहां हैं? राजस्थान में वे कचरे में हैं, और पंजाब में उनका इस्तेमाल मुनाफाखोरी के लिए किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा, पंजाब में लोगों को मुफ्त में टीका दिया जाना चाहिए था, मगर उसे ऊंचे दामों पर निजी अस्पतालों को बेचा गया। कोविशील्ड की एक खुराक 309 रुपये में खरीदी गई और उसे 1,560 रुपये में बेचा गया। पंजाब सरकार के टीकाकरण अधिकारियों ने बताया था कि 13.25 करोड़ रुपये में कोविशील्ड की 4.29 लाख खुराक खरीदी गई, जो प्रति खुराक औसतन 309 रुपये में पड़ रही है। वहीं, कोवाक्सिन की 1,14,190 खुराक 4.70 करोड़ में खरीदी गई, जो प्रति खुराक औसत 412 रुपये में पड़ती है।
आपदा में मुनाफा अमानवीय, टीके पर कांग्रेस नेतृत्व का बयान नाटकबाजी: बसपा
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार ने केंद्र से 400 रुपये में टीका खरीद कर निजी अस्पतालों को 1,060 रुपये में बेचकर लाभ कमाया। पंजाब सरकार का आपदा में मुनाफा कमाने का यह कृत्य बहुत ही अशोभनीय, अमानवीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। कोरोना टीके को लेकर कांग्रेस नेतृत्व द्वारा उठाए गए कदमों और बयान में गंभीरता का अभाव है। यह केवल नाटकबाजी है। लिहाजा केंद्र सरकार को इसका उचित संज्ञान लेना चाहिए।

पंजाब का वैक्सीन मामला राहुल गांधी मॉडल : विज
पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा केंद्र से तय दाम पर वैक्सीन खरीदकर निजी अस्पतालों को महंगे दामों पर बेचने के मामले में हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी कूद पड़े हैं। विज ने इस मामले को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह राहुल गांधी मॉडल है। अब इस मसले पर राहुल गांधी कुछ नहीं बोलेंगे। कांग्रेस शासित प्रदेशों में वैक्सीन गड्ढों में मिल रही है। राहुल उस पर कुछ क्यों नहीं बोलते। विज ने कहा कि भाजपा देश में कोरोना के खिलाफ डटकर लड़ रही है, राहुल को इस बात की भी तकलीफ है।

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