पंजाब: कीरतपुर साहिब में ट्रेन की चपेट में आने से तीन बच्चों की मौत

पंजाब के कीरतपुर साहिब के नजदीक लोहंड पुल पर रविवार सुबह 11:20 बजे एक दर्दनाक ट्रेन हादसे में तीन बच्चों की जान चली गई। वहीं एक बच्चा बाल-बाल बच गया। सहारनपुर से ऊना हिमाचल जाने वाली रेलगाड़ी संख्या 04501 कीरतपुर साहिब के नजदीक पहुंची तो सतलुज नदी पर बने लोखंड पुल के नजदीक चार बच्चे इसकी चपेट में आ गए। हादसे में एक बच्चा साइड पर गिर गया और पुल के साथ लटक गया जबकि दो बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं तीसरे बच्चे की बाजू कटने से वह गंभीर रूप से घायल है। 

हादसे के बाद गाड़ी को रुकवाया गया। गार्ड ने गंभीर रूप से घायल बच्चे को गाड़ी से कीरतपुर साहिब रेलवे स्टेशन पर पहुंचाया। इसके बाद एंबुलेंस से उसे सिविल अस्पताल श्री आनंदपुर साहिब भेजा गया। इस दौरान तीसरे बच्चे ने भी एंबुलेंस में दम तोड़ दिया। 

हादसे में बाल-बाल बचे चौथे बच्चे पवन पुत्र बहारन ने परिजनों को घर पहुंच घटना के बारे में बताया। वहीं बिलखते परिजन घटनास्थल पर पहुंचे और उनकी आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। उन पर जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। 

बच्चों के शवों के पास बैठकर रोते बिलखते परिजन उस मनहूस घड़ी को कोस रहे थे, जब बच्चे इस रेल पटरी पर पहुंचे। बार बार वह यही कह रहे थे कि वह अपने जिगर के टुकड़ों को कैसे समेटें। वहीं इस बड़े हादसे के बाद भी प्रशासनिक तौर पर कोई अधिकारी व नेता परिजनों से मिलने नहीं पहुंचा और न ही किसी तरह की मदद मिली है।

मजदूरी करके गुजारा करते हैं परिजन
इस दर्दनाक हादसे में जान गवाने वाला बच्चे नरेंद्र महतो उर्फ रोहित (11) पुत्र अर्जुन महतो चौथी कक्षा में पढ़ता था। जबकि बाद में दम तोड़ने वाला विकी चौधरी (7) पुत्र अर्जुन चौधरी थी। तीसरे मृतक बच्चे की पहचान महेंद्र (7) पुत्र स्वर्गीय रामदुलार के रूप में हुई है। तीनों परिवार मूलरूप से झारखंड के जिले साहिबगंज के रहने वाले हैं।

वहीं हादसे में बाल-बाल बचने वाला पवन (10) पुत्र बहारन पहली कक्षा का विद्यार्थी था। पवन का परिवार बिहार का रहने वाला है। ट्रेन की चपेट में आने वाले बच्चों के परिजनों ने रोते बिलखते बताया वह प्रवासी मजदूर हैं और झुग्गी झोपड़ियों में रहकर परिवार को पाल रहे हैं। वहीं लोगों ने पंजाब सरकार से पीड़ित परिजनों को आर्थिक मदद देने की गुहार लगाई है।

रविवार की छुट्टी के कारण निकले थे बेर खाने
घटना के बारे में सीमा निवासी दाना मंडी ने बताया कि जो बच्चा हादसे में बचा है, उसने अपने परिजनों को बताया कि रविवार को स्कूल से छुट्टी होने के कारण वह रेल पटरी के किनारे लगी झाड़ियों में बेर खाने पहुंचे थे। अचानक रेलगाड़ी आ गई। आनन-फानन वह एक साइड पर गिर गया, जबकि दूसरे बच्चे गाड़ी की चपेट में आ गए। हादसा इतना भयानक था कि बच्चों के शव और रेल की पटरी पर चारों ओर खून बिखरा था। मौके पर एकत्रित लोगों के सहयोग से परिजनों ने मुश्किल से बच्चों के शवों को संभाला और रेलवे विभाग की पुलिस के एएसआई जगजीत सिंह ने घटनास्थल का जायजा लिया। 

उन्होंने बताया कि स्टेशन मास्टर से जानकारी मिली कि गाड़ी की चपेट में आने से बच्चों की मौत हुई है। उन्होंने मृतक बच्चों के शव पोस्टमार्टम के लिए कब्जे में ले लिए हैं। 174 की कार्रवाई कर परिजनों को बच्चों के शव सौंपे जाएंगे। 

ट्रेन को रोककर एक बच्चे को बचाने की कोशिश की
वहीं रेलवे स्टेशन कीरतपुर साहिब के स्टेशन मास्टर रोदास सिंह के मुताबिक जिस रेलगाड़ी से हादसा हुआ वह लगभग 11:15 बजे भरतगढ़ रेलवे स्टेशन से कीरतपुर साहिब की ओर आई थी। घटनास्थल पर रेलगाड़ी को रोक लिया गया। ड्राइवर संजीव कुमार और गार्ड समंदर कुमार ने उन्हें सूचित किया। इसके बाद उन्होंने 108 पर एंबुलेंस को रेलवे स्टेशन कीरतपुर साहिब पर मंगवा लिया। ड्राइवर और गार्ड ने गंभीर रूप से घायल बच्चे को रेलगाड़ी के माध्यम से कीरतपुर साहिब स्टेशन पहुंचाया। इसके बाद उपचार के लिए सिविल अस्पताल श्री आनंदपुर साहब भेजा गया लेकिन उसे बचा नहीं सके।

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