पठानकोट। पंजाब के पठानकोट के अंतर्गत हलका भोआ के क्षेत्र नौशहरा खुर्द में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब बच्चों से भरी स्कूल बस खेतों में जा पलटी। हालांकि यह बस अनफिट बताई जा रही है और हादसा बस का सटेरिंग लॉक हो जाना सामने आया है।

हादसे का पता चलते ही स्थानीय लोगों ने बच्चों और अध्यापिकों को बस का शीशा तोड़ के बस से बाहर निकाला। वहीं, मौके पर बच्चों के अभिभावक और केसीएम स्कूल के प्रबंधक भी पहुंच गए। बस चालक सुरजीत सिंह ने बताया कि उसने 6 माह पहले ही केसीएम स्कूल की बस चलाने संबंधी नौकरी ज्वाइन की।

हालांकि उसे स्कूल प्रबंधक की तरफ से कहा गया था कि तुम यह बस अभी चलाओ और नए साल में बस नई आ जाएगी। जबकि स्कूल प्रबंधक को भी यह पता था कि बस चलने योग्य नहीं है। वहीं, जब बस नंबर. पीबी06जे9524 को आरटीओ एप पर जांचा गया तो उसकी आरसी एक्सपायर निकली। जिस वजह से बस अनफिट सामने आई है।

बस में सवार थे 50 स्कूली बच्चे

बस में 50 के करीब स्कूली बच्चे और दो महिला टीचर व बस चालक था। बच्चों और अध्यापिकों को मामूली चोटें आई हैं। राहत की बात यह सामने आई है कि बड़ा जानी नुकसान होने से बाल-बाल बच गया है। हादसा आज दोपहर करीब तीन बजे के करीब गांव नौशहरा खुर्द हुआ है।बच्चों के अभिभावकों का कहना था कि वे स्कूल प्रबंधको के भरसो बच्चों को स्कूल भेजते है और स्कूल में फीसों के साथ ट्रांसपोर्ट चार्ज भी समय अनुसार देते हैं।

लेकिन, यह नियमों के विपरित वाहन चल रहा था और इसकी बुनियाद भी खत्म हो चुकी थी। फिर भी स्कूल प्रबंधक ने अनदेखा कर बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ करते रहे और आज यह परिणाम हुआ कि बड़ा जानी नुकसान होते बाल-बाल बचा है।

स्कूल प्रबंधक ने स्वीकारी गलती

दूसरी तरफ स्कूल प्रबंधक फकीर शाह ने कहा कि उनकी गलती है कि ऐसी बस चलने दी। हादसा उनकी गलती से हुआ है और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भविष्य में ऐसा हादसा दोबारा नहीं होने दिया जाएगा।जबकि प्रशासन की तरफ से भी समय-समय पर वाहन पॉलिसी के तहत जागरुक किया जाता है और समय पर चेकिंग अभियान भी चलाया जाता है। लेकिन, ऐसे हादसों को देख लग रहा है कि प्रशासन की मिलीभगत से ऐसे अनसेफ वाहनों को चलने दिया जा रहा है।पिछले एक माह में यह दूसरा हादसा भोआ हलके में सामने आया है। जो कुछ समय पहले एक मिनी स्कूल वैन ट्रैक्टर ट्राली से टकरा गई थी। जबकि स्थानीय लोगों ने यह भी कहा है कि उक्त प्राइवेट स्कूलों के बस चालक नियमों को ताक पर रख ग्रामीण क्षेत्रों में तेजगति से चलते हैं।