सात माह से रूस में फंसा पंजाब का गगनदीप: पिता बोले- रूसी सेना ने जंग में धकेला

रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध लगातार जारी है। इस युद्ध में कई भारतीय वहां फंसे हुए हैं। कई युवा रूस की तरफ से जंग भी लड़ रहे हैं। हालांकि ये युवा मर्जी से नहीं बल्कि जबरदस्ती हथियार उठाने को मजबूर हैं। रूस में फंसे युवाओं में पंजाब के गुरदासपुर का गगनदीप सिंह भी है। जो बीते 7 महीने से वहां पर फंसा हुआ है। परिवार बेटे को लेकर चिंतित है। परिवार का कहना है कि बेटा किस हाल में है वह सोच-सोच कर परेशान हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी रूस गए हैं और उन्हें उम्मीद है कि पीएम मोदी वहां फंसे उनके बेटे सहित अन्य भारतीयों को भारत लाने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे।

गगनदीप के पिता बलविंदर सिंह ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों शिखर सम्मेलन के लिए रूस गए हैं। पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की है। प्रधानमंत्री मोदी ने रूस में फंसे भारतीय युवाओं से भी मुलाकात की। उन्होंने हमारे बच्चों से बात करके उनका हाल जाना है। वहीं रूस की सरकार से आग्रह किया है कि भारतीय युवाओं को धोखे से युद्ध में न धकेला जाए। हमें खुशी है प्रधानमंत्री ने बच्चों से बात कर उनका हाल जाना। प्रधानमंत्री ने कहा है कि सभी भारतीय युवाओं को जल्द देश वापस लाया जाएगा। पीएम मोदी जो कहते हैं वह पूरा भी करते हैं। अब हमें यह उम्मीद है कि हमारे बच्चे सकुशल वापस घर आएंगे।

टूरिस्ट वीजा पर रूस गया था गगनदीप
बलविंदर सिंह ने बताया कि उनका बेटा 24 दिसंबर 2023 को टूरिस्ट वीजा पर (रूस के लिए) घर से गया था। वहां उसे और उसके कुछ दोस्तों को एक टैक्सी चालक ने धोखा दिया था। टैक्सी ड्राइवर ने उन्हें वहां एक हाईवे पर छोड़ दिया। इसके बाद रूस की पुलिस ने उनके बेटे और उसके दोस्तों को पकड़ लिया। पुलिस ने उन्हें सेना को सौंप दिया। रूसी सेना ने वहां उनसे एक फॉर्म पर हस्ताक्षर कराए। इसके बाद आर्मी कैंप में ले गए। कैंप में बच्चों को बंदूकें थमा दी। उन्हें 11 दिन का प्रशिक्षण दिया गया और कहा कि अब तुम्हें यूक्रेन के खिलाफ बॉर्डर पर जंग लड़नी है। 

बंकरों में रहने को मजबूर
बलविंदर सिंह ने कहा कि उनके बेटे ने कभी भी हथियार नहीं देखे थे, वहां उसे हथियार चलाने पड़ रहे हैं। बच्चों को यूक्रेन सेना के सामने जंग लड़ने के लिए भेजा गया। वे यूक्रेन युद्ध में लड़े और बंकरों में रहे। कई दिनों तक बच्चों ने खाना तक नहीं खाया, कुछ बच्चे बीमार हो गए। इसके बाद उन्हें बॉर्डर से 100 किमी. दूर भेज दिया गया है। अब पीएम मोदी रूस में हैं और उन्होंने वहां की सरकार से युद्ध क्षेत्र में भेजे गए भारतीयों की रिहाई के लिए बात की है।

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