भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच लंदन के ओवल में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेला जा रहा है। कंगारुओं ने पहले बल्लेबाजी करते हुए अपनी पहली पारी में 469 रन का विशाल स्कोर बनाया। जवाब में टीम इंडिया की शुरुआत खराब रही। भारत ने अपनी पहली पारी में एक वक्त 71 रन पर ही चार विकेट गंवा दिए थे। ये चार विकेट टीम इंडिया के उन चार खिलाड़ियों के थे, जिन पर टीम को चैंपियन बनाने की जिम्मेदारी थी- कप्तान रोहित शर्मा, शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली। हालांकि, ये चारों फेल रहे और पूरी जिम्मेदारी कई महीनों बाद टीम में वापसी कर रहे अजिंक्य रहाणे और रवींद्र जडेजा के कंधों पर आ टिकी। जडेजा तो 48 रन बनाकर आउट हो गए, लेकिन रहाणे मैदान पर जमे रहे। उन्हें
दरअसल, फाइनल में दो अजब संयोग देखने को मिले। रहाणे और शार्दुल दोनों को नो बॉल ने जीवनदान दिया। भारतीय पारी के 22वें ओवर (दूसरे दिन) में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस गेंदबाजी कर रहे थे। उनकी एक गेंद सीधे आकर रहाणे के पैड पर लगी। ऑनफील्ड अंपायर ने रहाणे को एल्बीडब्ल्यू आउट करार दिया। तब वह 17 रन बनाकर बल्लेबाजी कर रहे थे। आउट दिए जाने पर रहाणे ने तुरंत डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) का इस्तेमाल किया। डीआरएस पर थर्ड अंपायर सबसे पहले ओवरस्टेप को चेक करते हैं। जैसे ही उन्होंने चेक किया, तो दिखा कि कमिंट ने ओवरस्टेप किया था। ऐसे में ऑनफील्ड अंपायर को अपना निर्णय तुरंत बदलना पड़ा और रहाणे को जीवनदान मिला। अगर यह गेंद नो बॉल नहीं होती तो आगे के वीडियो में अंपायर्स कॉल हो सकता था।
इसके बाद तीसरे दिन शार्दुल को भी कुछ ऐसा ही जीवनदान मिला। भारतीय पारी के 60वें ओवर में एकबार फिर पैट कमिंस ही गेंदबाजी कर रहे थे। ओवर की चौथी गेंद सीधे आकर शार्दुल के बैटिंग पैड पर लगी। ऑनफील्ड अंपायर ने उन्हें आउट करार दिया। इस पर शार्दुल ने डीआरएस लिया। एक बार फिर थर्ड अंपायर ने पहले ओवरस्टेप को चेक किया और एक बार फिर कमिंस ने ओवरस्टेप किया। ऑनफील्ड अंपायर रिचर्ड इलिंगवर्थ को एक बार फिर अपना फैसला बदलना पड़ा। अगर यह नो बॉल नहीं होती तो शार्दुल को वापस जाना पड़ सकता था, क्योंकि आगे के वीडियो में अंपायर्स कॉल पर फैसला आता। तब शार्दुल 36 रन बनाकर बल्लेबाजी कर रहे थे।
हालांकि, तीसरे दिन लंच के बाद रहाणे का विकेट गिरा और वह 129 गेंदों में 89 रन बनाकर आउट हुए। अपनी पारी में रहाणे ने 11 चौके और एक छक्का लगाया। उन्हें आखिरकार कमिंस ने ही आउट किया। भारतीय पारी के 62वें ओवर की आखिरी गेंद पर कमिंस ने रहाणे को गली में कैच कराया। हालांकि, यहां उनकी किस्मत खराब रही और गेंद फील्डर कैमरन ग्रीन के हाथों में चिपक गई। रहाणे ने पहले जडेजा के साथ 71 रन और फिर शार्दुल के साथ 109 रन की साझेदारी निभाई।