राज्यसभा चुनाव: राजस्थान से घनश्याम तिवाड़ी होंगे भाजपा के उम्मीदवार

राजस्थान की चार राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को चुनाव होने हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां अपने-अपने प्रत्याशियों के नामों पर मंथन कर रहीं हैं। किसी भी पार्टी ने अपने प्रत्याशी का एलान नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार भाजपा पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी को राज्यसभा भेजने की तैयारी में है। बताया जा रहा है जल्द ही उनके नाम की घोषणा भी की जा सकती है।

संघ परिवार से जुड़े रहे घनश्याम तिवाड़ी भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे हैं। वसुंधरा सरकार में वह मंत्री भी थे। तिवाड़ी भैरों सिंह शेखावत के जमाने से ही जनसंघ से जुड़े रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मनमुटाव के बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया था। इसके बाद भी उनका जुड़ाव संघ परिवार से बना रहा। उनका कहना था, मैंने पार्टी छोड़ी है संघ परिवार नहीं। यही कारण है कि उनकी पार्टी में वापसी हुई और अब भाजपा उन्हें राजस्थान से राज्यसभा उम्मीदवार बना सकती है। 

चार सीटों के लिए चुनाव, एक पर कांटे की टक्कर  
राज्यसभा की चार सीटों के चुनाव को लेकर प्रदेश में सियासत तेज हो गई है। संख्या बल के लिहाज से देखें तो चार राज्यसभा सीटों में से दो कांग्रेस और एक भाजपा के पास जाना तय है। चौथी सीट के लिए कांग्रेस को मशक्कत करनी पड़ेगी। भाजपा अगर दो प्रत्याशी मैदान में उतारती है, तो एक प्रत्याशी को जीतने के लिए कम से कम 41 वोट चाहिए होंगे। कांग्रेस को कुल 123 वोटों की जरूरत पड़ेगी, जबकि कांग्रेस के विधायक 108 ही हैं। शेष 13 निर्दलीय, 2 बीटीपी, 2 माकपा और 1 लोकदल के विधायक हैं। 

सरकार से 10 विधायक नाराज
लोकदल के एकमात्र विधायक सरकार में है, लेकिन निर्दलीयों, बीटीपी और माकपा के विधायकों को साधना सीएम अशोक गहलोत के लिए जरूरी है। हाल के राजनीतिक घटनाक्रम को देखें तो कांग्रेस के 10 और  बीटीपी और कुछ निर्दलीय विधायक सरकार से नाराज चल रहे हैं। विधायकों की यह नाराजगी सरकार को भारी पड़ सकती है।

भाजपा को 11 वोटों की जरूरत
भाजपा के 71 विधायक हैं, प्रत्येक को 41-41 वोट के लिहाज से कुल 82 वोटों की जरूरत पड़ेगी। इस लिहाज से भाजपा को अपने दूसरे प्रत्याशी को जीताने के लिए 11 वोटों की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में जोड़-तोड़ की कोशिश की जाने की संभावना है।

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