रामनवमी की शोभा यात्राओं पर हमले!

हमारी याददाश्त में यह पहला अवसर है जब राम नवमी की शोभा यात्राओं पर हमले किये गए हों और आगजनी की गई हो। 30 मार्च को हिन्दू समाज ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का प्रकटोत्सव श्रद्धा से मनाया गया किन्तु महाराष्ट्र, पश्चिमी बंगाल एवं गुजरात में श्रीराम की शोभायात्राओं पर आक्रमण किये गए। महाराष्ट्र में छत्रपति संभाजीनगर राममन्दिर के सामने मुस्लिमों की भीड़ ने शोभा यात्रा में सम्मिलित रामभक्तों पर हमला बोल दिया। हमलावरों ने एक पुलिस वाहन को भी फूंक डाला। छत्रपति संभाजीनगर वही शहर है जहां लाखों हिन्दुओं के हत्यारे औरंगजेब की कब्र हैं। मुगलिया हुकूमत में इस शहर का नाम बदल कर औरंगाबाद कर दिया गया था। शिन्दे सरकार द्वारा औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजीनगर रखने पर ओवैसी भाइयों ने भड़काऊ भाषण देकर मुस्लिमों को उकसाया था। यहां के अलावा जलगांव में भी राम नवमी जलूस पर हमले किये गए। इन हमलों में 12 लोगों को चोटें पहुंची और कुछ पुलिसजन भी घायल हुए।

पश्चिमी बंगाल के हावड़ा में मुस्लिमों की संगठित भीड़ ने रामनवमी की शोभा यात्रा पर आक्रमण किया और अनेक वाहनों को फूंकडाला। गुजरात के वडोदरा में जब एक मस्जिद के सामने से रामनवमी का जुलूस पहुंचा तो उसे रोकने की कोशिश की गई किन्तु पुलिस की सतर्कता से स्थिति संभल गई। बिहार के सासाराम, लखनऊ, मुंबई में भी रामनवमी जलूसों पर पथराव हुआ। आज (31 मार्च) वडोदरा और हावड़ा में मुस्लिम मोहल्लों में फिर से दंगाई एकत्र हुए। वडोदरा में पथरबाजों ने पुलिस के सामने महिलाओं को खड़ा कर दिया।

कुछ समय पूर्व राजस्थान, छत्तीसगढ़, प.बंगाल, झारखंड में देवस्थलों को निशाना बनाया गया था। मार्च के दूसरे सप्ताह में बिहार के किशनगढ़ में दो अलग-अलग मन्दिरों में आग लगाई गई। इस प्रकार की घटनायें भारत जोड़ो की नहीं अपितु भारत तोड़ो की साजिश की ओर संकेत करती है। भारत के राष्ट्रभक्त नागरिकों को इन साजिशों से सतर्क रहना होगा।

गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’

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