रामगोविन्द ने कहा भाजपा से छुटकारा चाहती है जनता

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि किसी भी सरकार का दायित्व है कि वह पीड़ित की मदद करे और उत्पीड़क को सजा दिलाए लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार और उनके अमले ने इस दायित्व बोध को पलट दिया है। नेता प्रतिपक्ष का आरोप है कि मुख्यमंत्री योगी ने मान लिया है कि सरकार का दायित्व उत्पीड़क की मदद और उसे बचाना है।

नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि योगी सरकार इतिहास के पन्नों में हत्यारों, रेपिस्टों और उत्पीड़कों की मदद तथा आम आदमी के उत्पीड़न व दोहन के लिए ही याद की जाएगी। उन्होंने कहा कि सूबे के लोग योगी सरकार के इस जालिमाना रवैये से ऊब चुके हैं। इससे मुक्ति के लिए छटपटा रहे हैं। सूबे के सभी चट्टी चैराहे पर लोगों की यह छटपटाहट देखी जा रही है। इन्साफ पसंद करने वाले लोग तो अब खुलकर बोलने लगे हैं कि यूपी में अमन अमान की स्थापना और विकास चाहिए तो अखिलेश यादव सरकार की वापसी जरूरी है।

मंगलवार को सप्तक्रांति के महानायक समाजवादी चिन्तक डाक्टर राममनोहर लोहिया को याद करते हुए नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि लखीमपुर के हृदय विदारक मामले में योगी सरकार ने संवेदनहीनता की सभी हदों को रौंद दिया। इतनी बड़ी क्रूरतम घटना में भी योगी सरकार और उनका अमला हत्यारों और साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार करने की जगह उन लोगों को रोकने तथा गिरफ्तार करने में लगा रहा जो पीड़ितों के आंसू पोछने जा रहे थे। भारी जनदबाव के बाद इस क्रूरतम किसान कुचलो काण्ड का मुख्य अभियुक्त देश के गृह राज्यमन्त्री का बेटा मन्त्री के संरक्षण में पुलिस के पास आया तो चाय पानी से स्वागत कर कानूनी कोरम पूरा किया गया। इस घटना के लिए माहौल बनाने वाले देश के गृह राज्यमन्त्री अभी तक कानून की गिरफ्त से बाहर हैं।

उन्होंने कहा कि इस हृदय विदारक किसान कुचलो कांड में से पहले किसानों को ठीक करने का देश के गृह राज्यमंत्री का भाषण आम हो चुका है। इसलिए उन्हें उकसाने और साजिश करने के मामले में जेल जाना ही है। आज नहीं गए तो जिस दिन अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, उस दिन जाएंगे और अपने किए की सजा भुगतेंगे।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि केवल लखीमपुर के मामले में नहीं, खुद मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर में यही हुआ। वहां शहर के मध्य स्थित एक होटल में रुके कानपुर के तीन व्यवसायियों को वहां की पुलिस ने चेकिंग के नाम पर पीटा और उसमें से एक व्यवसायी मनीष गुप्ता को मौत के घाट उतार दिया। साथ के दो व्यवसायियों के बच जाने से यह मामला उजागर हुआ तो योगी सरकार और उनका अमला हत्यारों को पकड़ने की जगह पीड़िता को समझाने में लग गया कि वह एफआईआर नहीं कराए। तब पीड़िता ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मदद की गुहार की। वह पीड़ित परिवार के साथ खड़े हो गए तब जाकर शासन के कान पर जू रेंगा।

उन्होंने कहा कि इसी तरह की घटनाएं उन्नाव, हाथरस और शाहजहांपुर में भी हुईं। इन मामलों में भी योगी सरकार और उनका अमला पीड़ित अबलाओं की मदद की जगह रेपिस्टों और हत्यारों की मदद करता नजर आया।

रामगोविंद चौधरी ने कहा कि सूबे के किसी भी जिले में जाइए, चारों तरफ आह, आह सुनाई पड़ रहा है। किसी भी मामले का विवेचन करिए तो पता चलता है कि पुलिस उत्पीड़क के साथ खड़ी है, हत्यारे के साथ खड़ी है, रेपिस्ट के साथ खड़ी है। कोई पुलिसकर्मी इससे विपरीत आचरण करता है तो उत्पीड़क उसे पीटते हैं। एसपी तक इस पिटाई के शिकार हो चुके हैं। इंस्पेक्टर की हत्या हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि एसपी की पिटाई और इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में भी योगी सरकार और उनका अमला पीटने वालों और हत्या करने वालों की मदद करता नजर आया। इसलिए मैं आज बार बार कह रहा हूं कि योगी सरकार इतिहास पन्नों में हत्यारों और रेपिस्ट की मदद के लिए ही याद की जाएगी।

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