अवैध बालू निकासी के चलते दो हिस्सों में टूटा रांची का पुल

रांची :झारखंड की राजधानी रांची में कांची नदी पर करोड़ों की लागत से बना पुल उद्घाटन से पहले ही दो हिस्सों में टूट गया है। पुल टूटने की तस्वीरें देखकर ऐसा लगता है कि मानो किसी बॉडी की रीढ़ की हड्डी ही टूट गई हो। पिछले साल बिहार में इसी तरह की दो घटनाएं सामने आई थीं। पिछले साल अगस्त में गोपालगंज में बंगरा घाट महासेतु का अप्रोच रोड का उद्घाटन से पहले ही भरभराकर टूटकर गिर पड़ा। इसके बाद किशनगंज जिले में करोड़ों की लागत से कनकाई नदी पर बना एक पुल उद्घाटन के पहले गिर गया था। पड़ोसी राज्य में हुई इन दो घटनाओं के बाद भी झारखंड सरकार ने निर्माण में ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते कांची नदी पर बना पुल धराशायी हो गया। नवभारत टाइम्स.कॉम के संवाददाता ने घटनास्थल पर जाकर आस-पास के ग्रामीणों से बात करके पुल टूटने के पीछे की वास्तविक स्थिति समझने की कोशिश की।

अवैध बालू खनन के चलते गिरा पुल?


बुंडू तमाड़ के ग्रामीणों से बात करने पर पता चला कि जिस जगह पर पुल बना हुआ है वहां बड़े पैमाने पर बालू (रेत) का खनन होता है। ग्रामीणों ने बताया कि कांची नदी के बालू की क्वालिटी आसपास की नदियों से बेहतर है, इसलिए इस धंधे में जुटे लोग यहां से बालू निकालने की कोशिश में रहते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पुल के पिलर के आसपास से बालू निकालना थोड़ा आसान होता है।

साथ ही इस नदी से बालू निकालने में कई कारोबारी शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर बालू की निकासी अवैध रूप से होती है। अवैध रूप से बालू निकासी करने में पुल की सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा जाता है। ग्रामीणों का अनुमान है कि नदी से ज्यादा मात्रा में बालू निकाले जाने के कारण पुल की नींव कमजोर हो गई है, जिसके चलते इतना बड़ा पुल बीच से दो हिस्सों में टूटकर गिर गया। पुल के पिलर की नींव में आधार के रूप में पर्याप्त बालू नहीं होने और यास तूफान के चलते नदी का जलस्तर बढ़ने से यह हादसा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी लगातार मांग के बावजूद किसी ने बालू का अवैध उत्खनन रोकने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया।

राजनेताओं की सह पर होते हैं अवैध बालू खनन!


यहां बता दूं कि बिहार, झारखंड हो या उत्तर प्रदेश सभी राज्यों में अवैध बालू खनन का धंधा राजनेताओं की मौन सहमति से होता है। माना जाता है कि बिहार और झारखंड में कई बालू माफिया राजनेताओं को चुनावों में होने वाले खर्च भी उठाते हैं। इसके एवज में वह नियम कायदे को ताख पर रखकर नदियों से बालू की निकासी करते हैं। जिस भी राज्य में जिस पार्टी की सरकार आती है उनसे जुड़े लोगों को बालू निकासी का ठेका मिल जाता है।

किसी भी राजनेता ने पुल गिरने की वजह नहीं बताई?


झारखंड की राजधानी में पुल दो हिस्सों में टूट गया, इसको लेकर बीजेपी और सत्ता में सहयोगी कांग्रेस दोनों ने जांच की मांग की है, लेकिन किसी भी दल ने इस ओर इशारा नहीं किया कि आखिर यह हादसा हुआ क्यों। हेमंत सोरेन की सरकार में सहयोगी कांग्रेस के झारखंड प्रदेश कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व विधायक केशव महतो कमलेश ने कांची नदी पर नवनिर्मित पुल ढहने के मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए संवेदक को काली सूची में डालने और दोषी अभियंता पर कार्रवाई की मांग की है।

प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष केशव कुमार कमलेश ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को पत्र लिखकर बताया गया कि बुंडू प्रखंड के प्राचीन कालीन महामयी मंदिर को जोड़ने वाली पुल ढह जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा है कि यह पुलपंच परगना ग्रामीण क्षेत्र का मेरुदंड रोड है प्रतिदिन सैकड़ों वाहन का आवागमन होता है। बुंडू तमाड़ सोनाहातु ग्रामीण क्षेत्र के सीधे संपर्क रोड़ है और सरायकेला खरसावां के ईचागढ़ मिलन चौक कुकड़ू होते हुए पश्चिम बंगाल को भी जोड़ने का संपर्क रोड बन रहा है। इस पुल टूटने से हजारों लोगों का संपर्क टूट गया है।

वहीं बीजेपी के रांची ग्रामीण जिला उपाध्यक्ष विनय महतो धीरज ने हाराडीह-बुढ़ाड़ीह पुल के ध्वस्त होने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जांच कराने एवं दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग है। महतो ने बताया कि उक्त पुल का निर्माण 2 वर्ष पहले ही हुआ है सोनाहातू और तमाड़ प्रखंड सीमा को जोड़ने वाली वाली कांची नदी में निर्मित महत्वपूर्ण एवं लाइफलाइन हाराडीह बुढा़डीह पुल का ध्वस्त हो जाना बहुत ही चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा कि पुल के ध्वस्त होते ही तमाड़ एवं सोनाहातू प्रखंड से संपर्क टूट गया है लोगों को अब सोनाहातू,राहे एवं सिल्ली जाने के लिए लम्बी दूरी तय करना पड़ेगा। इस पुल का अभी तक विधिवत उद्घाटन भी नहीं हुआ है। इस पुल के ध्वस्त बाद से ही निर्माण कार्य में जुड़ी एजेंसी और अधिकारियों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है। उन्होंने निर्माण कार्य में शामिल एजेंसी एवं अधिकारियों पर ओरोप लगाते हुए सरकार से जांच कराने तथा दोषियों पर अविलंब कार्रवाई करने का आग्रह किया है

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