बिहार की रजिया सुल्तान ने रचा इतिहास, मुस्लिम समुदाय से डीएसपी बनने वाली पहली महिला बनीं

बिहार लोक सेवा आयोग ने हाल ही में 64वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा का रिजल्ट जारी किया था. इस परीक्षा में एक लड़की ने इतिहास रच दिया है. गोपालगंज की रहने वाली रजिया सुल्तान डीएसपी के रूप में चयनित होने वाली पहली मु्स्लिम महिला बन गई हैं. फिलहाल रजिया सुल्तान बिहार सरकार के बिजली विभाग में सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत है. लेकिन अब जल्द ही वह इस नौकरी को छोड़ कर खाकी वर्दी में नजर आने वाली हैं. रजिया बिहार के गोपालगंज की रहने वाली हैं, लेकिन उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा झारखंड के बोकारो से पूरी की क्योंकि उनके पिता मोहम्मद असलम अंसारी बोकारो स्टील प्लांट में स्टेनोग्राफर के पद पर तैनात थे. 2016 में उनका निधन हो गया था. उनकी मां अभी भी बोकारो में रहती हैं. रजिया ने बताया कि छह बहनों और एक भाई मे वह सबसे छोटी है.

रजिया के मुताबिक साल 2009 में बोकारो से 10वीं और फिर 2011 में 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद वह जोधपुर चली गई जहां से उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. रजिया ने कहा कि वह बचपन से ही लोक सेवा आयोग की परीक्षा देना चाहती थीं. डीएसपी के लिए चयनित होना एक सपने के सच होने जैसा था. वह 2017 में बिहार सरकार के बिजली विभाग में सहायक अभियंता के रूप में शामिल होने के बाद से बीपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रही थी. 2018 में रजिया ने बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा दी और फिर 2019 में मेंस परीक्षा में पास किया. इसके बाद इंटरव्यू दिया और इस साल घोषित नतीजों में डीएसपी के पद पर उनका चयन हो गया.

एक इंटरव्यू में रजिया ने कहा, “मैं एक पुलिस अधिकारी के रूप में सेवा करने के लिए बहुत उत्साहित हूं. कई बार लोगों को न्याय नहीं मिलता है, खासकर महिलाओं को. महिलाएं पुलिस को उनके खिलाफ अपराध की किसी भी घटना की रिपोर्ट करने से कतराती हैं. मैं इस तरह के मामलों की रिपोर्ट हो, यह सुनिश्चित करने की कोशिश करूंगी.”

उन्होंने विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय में लड़कियों की शिक्षा की कमी पर भी चिंता व्यक्त की और माता-पिता से अपने सपनों को पूरा करने के लिए बच्चे का समर्थन करने की अपील की.

रजिया सुल्तान ने हिजाब या बुर्का पहनने वाली लड़कियों का भी समर्थन किया और कहा कि यह उन लड़कियों के लिए बाधक नहीं हो सकती जो स्कूल या कॉलेज जाना चाहती हैं.

रजिया, जो हाल ही में कोरोना के संक्रमण से उबरी हैं, ने मुस्लिम समुदाय से टीकाकरण के बारे में अफवाहों और गलतफहमी को दूर करने और जान बचाने के लिए वैक्सीन लगवाने की अपील भी की.

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