मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वे कराने की मांग का रिवीजन प्रार्थनापत्र खारिज

मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास स्थित शाही ईदगाह मस्जिद का कोर्ट कमिश्नर से सर्वे कराए जाने की मांग का रिवीजन प्रार्थनापत्र एडीजे सप्तम की अदालत ने गुरुवार को खारिज कर दिया। यह प्रार्थनापत्र अखिल भारत हिंदू महासभा के कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने दिया था। उनका कहना था कि शाही ईदगाह में साक्ष्य नष्ट किए जा रहे हैं। इसलिए वहां पर कोर्ट कमिश्नर भेजकर वस्तु स्थिति की जानकारी की जाए। पहले सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में यह प्रार्थना पत्र दिया। इसके बाद जिला जज राजीव भारती की अदालत में रिवीजन दाखिल किया गया। जहां से इसकी सुनवाई एडीजे सप्तम की अदालत में हुई।

महासभा के कोषाध्यक्ष ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन पर दावा करते हुए शाही ईदगाह हटाने के लिए 13 मई को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दावा किया था। इसी दावे में प्रार्थना पत्र दाखिल किया, जिसमें उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर साक्ष्यों संबंधी रिपोर्ट मंगाने की मांग की थी। अदालत ने सुनवाई के लिए एक जुलाई की तारीख तय की थी। इसके बाद जिला जज की अदालत में रिवीजन दाखिल किया गया। जिला जज की अदालत से रिवीजन की सुनवाई के लिए एडीजे सप्तम संजय चौधरी की अदालत में गया। 

गुरुवार को अदालत में रिवीजन प्रार्थनापत्र पर दोनों पक्षों ने बहस की। प्रतिवादी पक्ष शाही ईदगाह के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद और उनके साथी नीरज शर्मा, अबरार अहमद ने अपना पक्ष रखा। महासभा की ओर से अधिवक्ता देवकीनंदन शर्मा और दीपक शर्मा ने पक्ष अदालत के समक्ष रखा। बहस के बाद अदालत ने रिवीजन प्रार्थनापत्र खारिज कर दिया। एडवोकेट तनवीर अहमद ने बताया कि पक्षकार बार-बार विधिक प्रक्रिया से अलग तरह-तरह के प्रार्थना पत्र देते रहते हैं। एडीजे सप्तम द्वारा दिया गया निर्णय स्वागत योग्य है। पक्षकार दिनेश शर्मा ने बताया कि हमने यह रिवीजन जून के अवकाश के कारण डाला था। इसलिए अदालत ने यह कहते हुए रिवीजन अस्वीकार कर दिया कि इसकी सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ही करेगी।

नारायणी सेना के केस में आठ अगस्त को सुनवाई

नारायणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव के केस में गुरुवार को अदालत में सुनवाई के दौरान प्रतिवादीगण ने दावे से संबंधित कागजात मांगे। अदालत ने पक्षकार को दो दिन के अंदर सभी प्रतिवादीगणों को प्रपत्र उपलब्ध कराने को कहा है। जबकि श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट ने भी अदालत में कुछ कागजात दाखिल किए हैं।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट के अधिवक्ता मुकेश खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि जिस संपत्ति के संबंध में वाद दाखिल किया गया है उस संपत्ति पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट का नाम राजस्व अभिलेख, नगर पालिका परिषद के रिकॉर्ड में दर्ज है। 

पक्षकार के अधिवक्ता सुरजीत सिंह ने बताया कि अदालत द्वारा इस केस में आठ अगस्त की तारीख तय की गई है। जबकि शाही ईदगाह के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद ने बताया कि केस में प्रतिवादीगण को पूरे प्रपत्र नहीं मिले थे जिसके चलते अदालत ने सभी प्रपत्र दो दिन के अंदर उपलब्ध कराने को कहा है। 

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