आयुष कॉलेजों में दाखलों में धांधली !

उत्तर प्रदेश एटीएस ने नीट परीक्षाफल के मूल डाटाबेस और अधिकृत वेबसाइट में छेड़छाड़ करके प्रदेश के आयुष कॉलेजों में 891 छात्रों को प्रवेश दिलाने के फर्जीवाड़े में आयुर्वेद निदेशक प्रो. एस.एन. सिंह और मास्टरमाइंड वेंडर कुलदीप सिंह वर्मा सहित 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

यूं तो देश की सारी शिक्षा व्यवस्था बुरी स्थिति में है किन्तु मेडिकल शिक्षा की स्थिति तो और भी बुरी है। फीस तथा डोनेशन ने गरीब परिवारों के बच्चों का मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेना दुश्वार किया हुआ है। कुछ आयुष कॉलेज तो बिना शासकीय स्वीकृति के ही नर्सिंग और फार्मेस्टिट के कोर्स चलाते हैं। कुछ वर्षों पहले मुजफ्फरनगर के एक मेडिकल कॉलेज ने फार्मेसिस्ट का कोर्स चलाया किन्तु अधिकृत रूप से शासकीय मान्यता न होने के कारण फार्मेसिस्ट कोर्स उत्तीर्ण किये छात्र धक्के खाते घूम रहे हैं। उनका समय और धन धोखाधड़ी की भेंट चढ़ गया।

कोई सक्षम नीति व नियंत्रण न होने के कारण प्रवेश से लेकर शिक्षण शुल्क व पढ़ाई तक में धांधली होती है। विशेषत: आयुर्वेदिक कॉलेजों की स्थित बहुत खराब है।

कुछ दिनों पूर्व हरियाणा में भी फार्मेसिस्ट कोर्स चलाने वाले कॉलेजों व चयन बोर्ड में बड़ी धांधली पकड़ी गई थी। मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में इस प्रकार की धाधलियाँ जनहित विरोधी हैं। इन पर रोकथाम के साथ दोषियों को दंडित करना अति आवश्यक है।

गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’

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