रिजवी तो पहले ही इस्लाम से खारिज हो गए थे: उलेमा

शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा मुस्लिम धर्म त्याग कर हिंदू धर्म अपनाने पर उलमा ने प्रतिक्रिया दी है। उलमा का कहना है कि रिजवी का धर्म परिवर्तन करना कुछ भी हैरान करने वाला नहीं है। क्योंकि वह पहले ही इस्लाम से खारिज हो चुके थे। जिसके बाद वह आजाद थे अब वह कोई भी धर्म अपनाएं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। 

जमीयत दावतुल मुसलीमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध आलिम-ए-दीन मौलाना कारी इस्हाक गोरा ने कहा कि वसीम रिजवी के धर्म परिवर्तन को लेकर जमीयत दावतुल मुसलीमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध आलिम-ए-दीन मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा ने कहा है कि मजहब-ए-इस्लाम में दीन के लिए कोई जोर जबरदस्ती नहीं है। हमारा मुल्क लोकतांत्रिक देश है यहां सबको अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीने का पूरा अधिकार है, लेकिन किसी के धर्म के बारे में आलोचना करने की किसी को इजाजत नहीं है। 

गोरा ने कहा कि रिजवी के धर्म परिवर्तन पर हैरान होने वाली कोई बात ही नहीं है। क्योंकि रिजवी के इस्लाम विरोधी कार्यों ने उनको बहुत पहले ही इस्लाम से अलग कर दिया था। अब देखने वाली बात यह है कि रिजवी सनातन धर्म को कितनी वफादारी से निभाकर चलते हैं। 

इत्तेहाद उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि हम उन्हें पहले से ही मुसलमान नहीं मानते थे। अगर वह अब धर्म किसी दूसरे धर्म को अपना रहे हैं तो इसमें हमें कोई ऐतराज नहीं है। क्योंकि उन्होंने सिर्फ मुस्लिम नाम रखा हुआ था। जबकि उनके सभी कार्य गैर मजहब वाले थे। अब वह किसी भी धर्म को अपनाएं उससे हमें कोई मतलब नहीं है। 

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