अमेरिकी ड्रोन से टकराव की घटना पर आया रूस का बयान, उकसाया तो परिणाम भुगतने होंगे

रूस के युद्धक विमान द्वारा अमेरिका के ड्रोन को गिराने से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। बुधवार को इस मुद्दे पर रूस के रक्षा मंत्री और अमेरिका के रक्षा मंत्री के बीच फोन पर बातचीत हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बातचीत के दौरान रूस के रक्षा मंत्री ने कहा कि अमेरिका द्वारा रूस की जासूसी की जा रही है, जिसके चलते ही ड्रोन वाली घटना हुई। बता दें कि मंगलवार को अमेरिका ने आरोप लगाया था कि रूस ने उसके ड्रोन को काला सागर के ऊपर मार गिराया। इससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। 

रूस ने लगाया उकसाने का आरोप
रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई सोइगु ने अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के बीच बुधवार को बातचीत हुई। इस दौरान रूसी रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर भविष्य में अमेरिका ने कोई उकसावे की कार्रवाई की तो रूस की भी उसका ‘उचित जवाब’ देगा। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका के रणनीतिक ड्रोन का क्रीमिया के तट पर उड़ान भरना उकसावे की कार्रवाई है। इससे दोनों देशों के बीच काला सागर इलाके में लड़ाई के हालात बन सकते हैं। रूस अभी ऐसी उकसावे की कार्रवाई में नहीं पड़ना चाहता लेकिन अगर यह जारी रहा तो इसका उसी अनुपात में जवाब दिया जाएगा।  बता दें कि रूस के सेना प्रमुख वालेरी गारसिमोव और अमेरिका के सेना प्रमुख मार्क माइली के बीच भी इस मुद्दे पर बातचीत हुई है।

अमेरिका का आरोप- जानबूझकर गिराया उनका ड्रोन
बता दें कि हाल ही में अमेरिका का सैन्य टोही ड्रोन रीपर काला सागर के ऊपर उड़ान भर रहा था। जिसकी रूस के लड़ाकू विमान एसयू-27 से टक्कर हो गई। टक्कर के बाद ड्रोन काला सागर में गिर गया। सैन्य ड्रोन के गिरने पर अमेरिका ने कड़ी आपत्ति जताई और रूस के राजदूत को तलब कर नाराजगी जाहिर की थी। रूस में अमेरिका के राजदूत ने भी इसे लेकर नाराजगी जाहिर की। अमेरिका का आरोप है कि रूस के लड़ाकू विमान ने पीछा कर जानबूझकर अमेरिकी सैन्य ड्रोन को गिराया। वहीं रूस का कहना है कि यह एक दुर्घटना थी और ड्रोन को गिराने के लिए किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया गया था।  

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