सहारनपुर: कृषि कानूनों के विरोध में दो महीने से अधिक दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों को अब कांग्रेस का खुलकर साथ मिल रहा है. दरअसल, किसान आंदोलन जरिए कांग्रेस यूपी की सियासत में अपनी खोई हुई जमीन को तलाश रही है. वहीं आंदोलनकारी किसानों के मकसद की बात की जाए तो वो भी BJP के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कृषि कानूनों की वापसी के लिए दबाव बनाना चाहते हैं.
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के कृषि कानून का विरोध देश के किसान जमकर कर रहे हैं. मोदी सरकार भले ही इसे महज कुछ किसानों का विरोध मानते हों, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है. दरअसल, पिछले करीब दो महीनों से किसान आंदोलन का असर गांव से लेकर शहरों तक जमकर देखा जा रहा है. किसान संगठन लगातार बीजेपी नेतृत्व वाली सरकारों को चुनाव में सबक सिखाने की बात कह रहे हैं. किसानों ने इसके लिए बकायदा पंचायतें करके लोगों को कृषि कानून के कथित नुकसान बताने का प्लान तैयार किया है.
देश में बीजेपी के खिलाफ बन रहे माहौल को देखते हुए विपक्षी दल किसान आंदोलन के जरिए अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने की जुगत लगा रहे हैं. इसी क्रम में कांग्रेस ने किसानों को एकजुट करने के लिये सहारनपुर के चिलखाना में बुधवार को किसान पंचायत बुलाई है. इस पंचायत में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल होंगी.
किसान पंचायत कार्यक्रम के संयोजक पूर्व चेयरमैन प्रतिनिधि जायर हुसैन चांद के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रियंका गांधी 10 फरवरी को शाकंभरी देवी व रायपुर होते हुए दोपहर 12 बजे चिलकाना पहुंचेंगी. जहां वह किसान पंचायत को संबोधित करेंगी. प्रियंका गांधी की किसानों के साथ प्रदेश में पहली जनसभा होनी है.
आपको याद दिला दें कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच लंबे वक्त से चला आ रहा गतिरोध अभी भी बरकरार है. आंदोलनकारी किसान को समझाने के लिए केंद्र सरकार ने तमाम कोशिशें की लेकिन सरकार के सभी प्रयास विफल रहे.