सांसद मलूक नागर की संपत्ति पर एसबीआई का कब्जा

बिजनौर: उत्तर प्रदेश की बिजनौर लोकसभा सीट से बीएसपी सांसद मलूक नागर और उनके भाई पर 53.5 करोड़ रुपए के कर्ज में होने पर बैंक ने बड़ी कार्रवाई की है। भारतीय स्टेट बैंक ने हापुड़ जिले में स्थित दूध डेयरी और करीब 15 प्लॉट को अपने कब्जे में ले लिया है। 9 दिसंबर को बैंक ने यह कार्रवाई की है। जब्त की गई संपत्ति की नीलामी करके कर्ज वसूला जाएगा।

भारतीय स्टेट बैंक द्वारा इसको लेकर विज्ञापन जारी किया गया है। विज्ञापन में कहा है कि नागर डेयरी प्राइवेट लिमिटेड को उन्होंने कर्ज दिया था, जिसमें मलूक नागर और भाई राजवीर नागर गारंटर थे। 12 जून 2017 को बैंक द्वारा उन्हें नोटिस जारी कर 60 दिन में 53 करोड़ 65 लाख लाख 7 हजार 866 रुपए का भुगतान करने के लिए कहा गया था, लेकिन उनके द्वारा भुगतान नहीं किया गया। इसके बाद से यह राशि लगातार बढ़ रही है। भुगतान न करने पर बैंक की ओर से नागर डेयरी, मलूक नागर और उनके भाई राजवीर नागर की मेरठ और हापुड़ जिले की संपत्ति पर 9 दिसंबर को कब्जे में लिया गया है। सूचना जारी करते हुए कहा कि इन संपत्तियों के संबंध में कोई भी लेन-देन न किया जाए।

बैंक द्वारा की गई कार्रवाई को बसपा सांसद मलूक नागर गलत बता रहे हैं। इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि पूरे मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है और वह सात साल से डेयरी से नहीं जुड़े हैं और न ही उसके मैनेजमेंट में हैं। उन्होंने कहा कि वह पिछले साल से डेयरी के मैनेजमेंट में भी नहीं हैं। यह मामला उनके भाई से जुड़ा है। भाई ने ही लोन लिया था, जिसमें वह गारंटर थे। उन्होंने कहा कि बैंक के अधिकारियों से इसको लेकर उनकी कोई बात नहीं हुई है। इसको लेकर वह कानूनी राय भी ले रहे हैं और इस मामले में कानूनी कार्रवाई भी कराई जाएगी।

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