रोक के बावजूद जादवपुर यूनिवर्सिटी में हुई डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग

कोलकाता। साल 2002 के दंगों में पीएम मोदी की भूमिका पर बनाई गई बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। देश के कई विश्वविद्यालयों में हंगामे के बाद पश्चिम बंगाल की जादवपुर यूनिवर्सिटी में भी इस विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई। वामपंथी संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) ने विश्वविद्यालय परिसर में विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की। संगठन के एक वरिष्ठ सदस्य ने यह जानकारी दी। पश्चिम बंगाल की ही प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी में भी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने की तैयारी चल रही है। 

बता दें कि कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया की छात्र शाखा एसएफआई ने शुक्रवार को यूनिवर्सिटी कैंपस में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने की इजाजत मांगी है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी की विजुअल आर्ट्स सोसाइटी भी एक फरवरी को बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने की तैयारी कर रही है। इससे पहले गुरुवार को एसएफआई ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी में गुजरात दंगों पर आधारित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का आयोजन किया। इसके जवाब में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने यूनिवर्सिटी कैंपस में द कश्मीर फाइल्स की स्क्रीनिंग की। 

बता दें कि ब्रिटिश प्रसारक बीबीसी ने साल 2002 में गुजरात में हुए दंगों के दौरान गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाते हुए एक डॉक्यूमेंट्री इंडियाः द मोदी क्वेश्चन जारी की है। बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री पर प्रोपेगैंडा चलाने, पक्षपात करने और भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगे। जिसके बाद इस डॉक्यूमेंट्री पर सरकार ने बैन लगा दिया। सरकार के बैन लगाने के बाद कई विपक्षी नेताओं ने सरकार के इस कदम की आलोचना की। बीते दिनों दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में वामपंथी संगठनों ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने की इजाजत मांगी लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इजाजत नहीं दी। वामपंथी छात्रों ने आरोप लगाया कि जब वह अपने मोबाइल फोन पर डॉक्यूमेंट्री देख रहे थे तो उन पर पथराव हुआ। जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में भी इस मुद्दे पर खूब हंगामा हुआ।

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