भारत के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत का हो रहा ‘सी ट्रायल’

भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत 4 अगस्त को ट्रायल के लिए समुद्र में उतरा। इससे पहले जुलाई के आखिर में विक्रांत के बेसिन ट्रायल सफल रहे थे। ऐसे में विक्रांत को 2022 में नौसेना में शामिल किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है। इसका नाम INS विक्रांत पर रखा गया है, जिसने 1971 युद्ध में निर्णायक भूमिका निभाई थी।

रक्षा मंत्रालय कार्यालय ने ट्वीट कर बताया है कि स्वदेशी विमान वाहक (IAC(P71)) ‘विक्रांत’ के समुद्री परीक्षणों की शुरुआत हो चुकी है। ट्वीट में कहा गया है कि एयरक्राफ्ट कैरियर का स्वदेशी निर्माण ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया इनिशिएटिव’ के लिए देश की खोज में एक जबरदस्त उदाहरण है।

भारतीय नौसेना ने इस मौके को देश के लिए ‘गौरवान्वित करने वाला और ऐतिहासिक’ दिन बताया है। नौसेना ने कहा है कि, ‘भारत उन चुनिंदा देशों में शुमार हो गया है, जिसके पास स्वदेश में डिजाइन करने, निर्माण करने और अत्याधुनिक विमानवाहक जहाज तैयार करने की विशिष्ट क्षमता है।’

IAC P71 विक्रांत के बारे में जानिए

IAC P71 विक्रांत को करीब 23 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनाया किया गया है। यह एयरक्राफ्ट कैरियर करीब 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है। इसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने बनाया है। इसकी टॉप स्पीड 52 किलोमीटर प्रति घंटे बताई गई है। इसमें 14 फ्लोर हैं और 2300 कंपार्टमेंट हैं। इस पर 1700 नौसैनिक तैनात किए जा सकते हैं। इस जहाज पर 30 लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर तैनात किए जा सकते हैं।

बता दें कि भारत के पास अभी सिर्फ एक विमानवाहक जहाज ‘आईएनएस विक्रमादित्य’ है। भारतीय नौसेना, हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी को लेकर अपनी क्षमता बढ़ाने पर जोर दे रही है।

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