अंबेडकर यूनिवर्सिटी की घटना पर एसएफआई के आरोप निराधार, एबीवीपी ने की ये अपील

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने रविवार को स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) द्वारा लगाए गए आरोपों की कड़ी निंदा की है. उनका कहना है कि अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली में घटित घटनाओं को लेकर लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार और राजनैतिक उद्देश्य से प्रेरित है. ABVP ने विश्वविद्यालय प्रशासन से इन घटनाओं के दोषियों पर सख्त कार्रवाई के लिए समिति के गठन की मांग की है.

एबीवीपी की ओर से विश्वविद्यालय प्रशासन से निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए प्रॉक्टोरियल समिति के गठन की मांग की गई है. एबीवीपी का स्पष्ट मत है कि ये आरोप संगठन की छवि को धूमिल करने और छात्र समुदाय को भ्रमित करने के लिए एक सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा हैं. इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कर ऐसे झूठ और अफवाह फैलाने वाले असामाजिक तत्वों पर उचित कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे.

छात्र समुदाय विभाजनकारी राजनीति से दूर रहें- ABVP

छात्र संगठन का कहना है कि, ‘एबीवीपी इन आरोपों का पूरी तरह से खंडन करता है और दोहराया है कि संगठन के कार्यकर्ताओं का पूर्वोत्तर के छात्रों पर कथित हमले, कश्मीरी गेट परिसर में एक क्वीयर छात्र के खिलाफ हिंसा और बीए ग्लोबल स्टडीज की कक्षा में एक छात्रा को डराने-धमकाने की घटनाओं से कोई संबंध नहीं है. इन घटनाओं से ABVP को जोड़ने का कोई भी प्रयास केवल राजनीतिक लाभ के लिए किया गया दुष्प्रचार है.’

एबीवीपी ने कहा कि वह अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली में एक सुरक्षित, समावेशी और स्वस्थ शैक्षणिक वातावरण बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. साथ ही विद्यार्थी समुदाय से आग्रह करता है कि वे विभाजनकारी राजनीति से दूर रहें और सत्य एवं न्याय का समर्थन करें. ABVP दिल्ली के प्रदेश मंत्री सार्थक शर्मा ने कहा, SFI की ओर से एबीवीपी पर लगाया गया आरोप पूरे तरीके से गलत और छात्रों को भ्रमित करने वाला है.’

वामपंथी संगठन का यह कुत्सित प्रयास- सार्थक शर्मा

सार्थक शर्मा ने कहा कि यह निराधार आरोप साबित करता है कि ये एबीवीपी की बढ़ती लोकप्रियता से घबराए हुए हैं. जिस कारण ये तरह-तरह के गलत प्रयासों से एबीवीपी की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं. एबीवीपी हमेशा से किसी भी परिसर में एक स्वस्थ और तनावमुक्त शैक्षणिक वातावरण के लिए प्रतिबद्ध रहा है, ऐसे में हर कैंपस से विलुप्त हो रहे अस्तित्व विहीन वामपंथी संगठन का आरोप लगाना कुत्सित प्रयास मात्र भर है.

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