केंद्र की मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. इस बीच शामली जिला प्रशासन ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान किसानों की ओर से हिंसा और प्रदर्शनकारियों की तरफ से कोविड गाइडलाइंस का उल्लंघन करने का हवाला देते हुए शुक्रवार को भैंसवाल गांव में पश्चिम यूपी में पांचवीं महापंचायत की अनुमति देने से इनकार कर दिया.
शामली जिले के डीएम जसजीत कौर ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि सीआरपीसी की धारा 144 के तहत चार या चार से अधिक व्यक्तियों की किसी भी सार्वजनिक सभा पर बैन है. साथ ही कहा कि इसे 4 फरवरी से 3 अप्रैल तक पूरे जिले में सख्ती से लागू की जाए.
हालांकि महापंचायत के आयोजक राष्ट्रीय लोक दल पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सुनील रोहता ने कहा कि पुलिस हम पर फायर करने या हमें जेल में डालने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन हम अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को बंद नहीं करने जा रहे हैं. राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने ट्वीट कर कहा कि 144 कारणों से मैं कल शामली जाऊंगा.
शामली के एसडीएम संदीप कुमार ने कहा कि शामली में शुक्रवार को महापंचायत करने के लिए आरएलडी नेताओं ने अनुमति मांगी थी. इस पर उन्होंने आरएलडी नेताओं को एक पत्र भेजा, जिसमें लिखा कि हमने स्थानीय पुलिस स्टेशन, खुफिया इकाई और स्थानीय अग्निशमन विभाग से रिपोर्ट मांगी थी, और इन सभी ने सुझाव दिया है कि लोगों का इस तरह से जुटना जिले की शांति के लिए खतरा बन जाएगा. इसके बाद उन्होंने महापंचायत की अनुमति नहीं दी.
हालांकि राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश प्रवक्ता सुनील रोहता ने कहा कि ये स्थानीय प्रशासन पर निर्भर है, लेकिन मैं ये साफ करना चाहता हूं कि अनुमति नहीं मिलने से उन किसान प्रदर्शनकारियों को नहीं रोक जा सकता है जो तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए लड़ने के लिए तैयार हैं.