वैक्सीन ट्रायल में मौतः शिवराज बोले- विसरा परीक्षण से सच सामने आएगा

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन से प्रदेश के एक व्यक्ति की मौत के मामले की पड़ताल जारी है। मृतक का विसरा परीक्षण के लिए भेजा गया है। यह मामला बहुत संवेदनशील है। अनावश्यक गलत धारणा नहीं बनने देंगे, जिससे टीकाकरण प्रभावित हो। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आएगी,  लेकिन मुझे विश्वास है कि यदि कोई गलत असर होता तो वह दो-तीन दिन में दिखता, इतने दिनों बाद नहीं।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बोले, 30 मिनट में दिखता है असर

उधर, मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने भी कहा कि टीके के असर यानी आफ्टर इफेक्ट 30 मिनट में दिखने लगत हैं। मृतक की पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि 24 से 48 घंटे में टीेक का कोई साइड इफेक्ट नजर नहीं आया। पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट में जहर की बात सामने आई है।

भारत बाॅयोटेक कहा-मौत की वजह ट्रायल डोज नहीं
कथित तौर पर वैक्सीन से मौत को लेकर भारत बाॅयोटेक ने भी शनिवार को बयान जारी किया। कंपनी ने कहा कि  वांलिटियर की ट्रायल के नौ दिन बाद मौत हुई है और आरंभिक पड़ताल से पता चलता है कि इसकी वजह टीके का ट्रायल डोज नहीं है।

कंपनी ने भोपाल के गांधी मेडिकल काॅलेज की पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा कराए गए पीएम में मौत का कारण हृदय गति थमने और संदिग्ध रूप से जहर के कारण हुई, मामले की पुलिस जांच कर रही है।

भारत बाॅयोटेक ने यह भी कहा कि तीसरे चरण की ट्रायल के पंजीयन के वक्त वालंटियर सारे मानकों पर उपयुक्त पाया गया था। टीके की खुराक के सात दिन बाद भी वह फाॅलोअप काॅलों के दौरान स्वस्थ था। इस दौरान उसने टीके के बाद किसी परेशानी की बात नहीं कही थी।

बता दें, कि भोपाल के पीपुल्स अस्पताल में एक कोरोना वांलिटियर की मौत हो गई है बताया गया है कि उस पर कोवैक्सीन का ट्रायल किया गया था।  कुछ दिनों बाद उसकी मौत हो गई। इसे लेकर मध्यप्रदेश में बवाल मच गया है।  मृतक दीपक मरावी को 12 दिसंबर को कोवैक्सीन का ट्रायल टीका लगा था। 47 वर्षीय दीपक की 21 दिसंबर को मौत हो गई थी। दीपक के परिवार ने टीके के ट्रायल को लेकर सवाल उठाए हैं। दीपक मरावी मजदूरी करते थे और टीला जमालपुरा की सूबेदार कॉलोनी में किराये के एक कमरे में तीन बच्चों के साथ रहते थे।

पोस्टमाॅर्टम में जहर मिलने की पुष्टि
दीपक ने कोरोना वैक्सीन ट्रायल में हिस्सा लिया था। पहले डोज के बाद ही तबीयत खराब हो गई और अस्पताल पहुंचने से पहले दीपक की मौत हो गई। दीपक अपने घर में मृत मिले थे। 22 दिसंबर को उनके शव का पोस्टमार्टम कराया गया, जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट में शव में जहर मिलने की पुष्टि हुई है।

दीपक के 18 वर्षीय बेटे आकाश मरावी ने शुक्रवार को पिता की मौत की जानकारी दी। हालांकि मौत कोवैक्सीन का टीका लगवाने से हुई या किसी अन्य कारण से इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद होगी। दीपक के शव का विसरा पुलिस को सौंप दिया गया है। पुलिस विसरे का कैमिकल एनालिसिस कराएगी। फिलहालए पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।

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